________________
( ७३२ )
1
न होता तो दृढप्रहारीआदिको उसी भवमें मुक्ति किस प्रकार होती ? अतएव प्रत्येकचातुर्मास में अथवा प्रतिवर्ष अवश्य आलोयणा लेना चाहिये.
इति श्री रत्नशेखरसूरिविरचित
श्राद्धविधिमुदीकी हिन्दी भाषाका वर्षकृत्य नामक
पंचमः प्रकाशः सम्पूर्णः