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विषयांक.
४ )
विषय का नाम.
पृष्ठांक.
३७ चारप्रकारके आहारका स्वरूप
१७९
३८ अनाहार वस्तु और एकांगिकादिआहार का स्वरूप १८१ ३९ पच्चखानमें चारतरह आहारका भेद
१८३
४० पञ्चखानके पांच स्थान और तिविहार चोविहार
पच्चखान
४१ मलमूत्रका त्याग किस दिशा में और कैसे स्थान
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पर करना
१८६
४२ दातन करने की विधि तथा उससे होनेवाली अगम चेतियां १९० ४३ स्नान करने की विधि १९३ ४४ केवल द्रव्यस्नान पर तुंबस्नानवाला कुलपुत्रकी कथा १९६ ४५ भावस्नानका स्वरूप १९७
४६ भूमिपर पडे हुए पुष्प चढाने के विषय में चंडाल की कथा १९८ ४७ देवपूजा करते समय कैसा वस्त्र पहनना चाहिये ?
उसका स्वरूप
४८ दूसरेका वापरा हुआ वस्त्र पूजा करते समय न लेना, इसपर कुमारपालराजा और चाइडमंत्रीका दृष्टांत
१८४
४९ पूजा करते समय द्रव्यशुद्धि तथा भावशुद्धिका लक्षण ५० महान ऋद्धि के साथ भगवंत को वंदना करने को जाने पर दशार्णभद्रराजाकी कथा
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