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विषयांक
विषय का नाम १० नाम, स्थापना, द्रव्य और भाव ये चार प्रकारके
श्रावकका स्वरूप, मूल गाथा ४ ११ व्रतश्रावक पर सुरसुंदरकुमारका स्त्रियोंकी कथा १२ श्रावकसे त्रिविधत्रिविधप्रकारके पञ्चखान क्यों
नहीं होता ? इस सम्बन्धमें प्रश्नोत्तर १३ मातपितासमानआदि दो तरह से चार प्रकार
के श्रावक और उसका द्रव्यभावभेद १४ श्रावकशब्दका अनेक तरह से अर्थ
दिनकृत्य प्रकाश. १ १५ श्रावकने प्रातः किस वक्त उठना ? और उठकर क्या
करना?, मूलगाथा ५ १६ पृथ्वीआदि पांचतत्त्वोंका तथा चन्द्रसूर्यनाडीका
स्वरूप और उससे होनेवाला फल १७ नवकार गिननेकी विधि १८ जाप करनेकी विधि व उसके लाभ १९ नवकार गिननेका फल और उसपर शिवकुमार
और वटशवलिकाका दृष्टान्त २० धर्मजागरिका करने की विधि २१ रात्रिमें हुए कुस्वप्नदुःस्वप्नके नाशके लिये करनेके - काउस्सम्गकी विधि
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