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________________ ( ११ ) ४२९ विषयांक. विषय का नाम. पृष्ठांक. १३६ साक्षी रखकर द्रव्य देने पर एक धूर्तवणिककी कथा, निःसंतानवालेकी थापणकी व्यवस्था ४२७ १३७ राजका आश्रयलेनेका फल १३८ जूआआदि छोड़ना, जमानत न देना, प्राममेंही व्यापार करना ४२९ १३९ परदेश बाते भाग्यशाली मनुष्य साथमें होवे तो सुख होता है, इस पर एकवीसमनुष्योंकी कथा . ४३१ १४० परदेश जानेकी विधि ४३२ १४१ आडंबरकी आवश्यकता ४३५ १४२ उच्चमनोरथ रखनेका फायदा । १४३ पापऋद्धि ऊपर चार मित्रोंकी कथा ४३७ १४४ साधर्मिकवात्सल्य, द्रव्योपार्जन, अल्प इच्छा १४५ धर्म, अर्थ और काम ये तीन वर्ग साधनेकास्वरूप ४४० १४६ आमदनी ( आय ) के विभाग करनेका स्वरूप ४४० १४७ वास्तविक आवश्यकता होने पर धन खर्च करनेके ऊपर एक श्रेष्ठीकी कथा ४४४ १४८ धर्मस्थान में ब्यय करनेसे धन बढता है, इस पर विद्यापतिश्रेष्ठीकी कथा १४९ न्यायसे और अन्यायसे धन उपार्जन करने के ऊपर देवश्रेष्ठी और यशश्रेष्ठीकी कथा.
SR No.023155
Book TitleShraddh Vidhi Hindi Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJainamrut Samiti
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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