________________
પ૭૨
શ્રી ભગવતી સૂત્ર સાર સંગ્રહ ___योगोद्वहन के अभावमें अभ्यास से वंचित साधु-साध्वीवर्ग, तथा द्रव्यानुयोगरसिक वर्गकी प्यास छिपानेमें समर्थ, परमश्रुतसागरस्वरुप, पंचमांग श्री भगवतीसूत्र जैसे द्रव्यानु. योगके श्रेष्ठतम आगमग्रन्थ के गहनतम सूक्ष्म विषयों पर गहरे चिंतन एवं परिश्रम से मंथन करके सार-संग्रहरुप प्रस्तुत स्तुत्य प्रकाशन आबाल-वृद्ध सर्वोपयोगी बनते हुए प्रसिद्धि प्राप्तकर लेखक के श्रमको सफल करे यही शुभेच्छा.
-मुनि अरुणविजय
1
AN
શ્રી ભગવતી સૂત્ર સાર સંગ્રહ : ભાગ-પાંચ
सभापत.