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________________ ज्ञाताधर्मकथांग का भौगोलिक विश्लेषण एक बहुप्रचलित परम्परा के अनुसार दुष्यन्त कुमार और चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत अथवा भारतवर्ष पड़ा। लेकिन जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति के अनुसार यहाँ भरत क्षेत्र में महान ऋद्धिशाली, परमद्युतिशाली, एक पल्योपम आयुष्य युक्त भरत नामक देव निवास करता है। इस कारण यह क्षेत्र भारतवर्ष या भरतक्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा भारतवर्ष या भरतक्षेत्र शाश्वत है। यह तीनों कालों में कभी भी न मिटने वाला नित्य, ध्रुव, नियत, शाश्वत, अक्षय, अव्यय एवं अवस्थित है। हस्तिनापुर ज्ञाताधर्मकथांग में हस्तिनापुर नगर का उल्लेख मिलता है। यह कुरु जनपद की प्रसिद्ध नगरी थी। जैन आगमों में वर्णित दस राजधानियों में इसका उल्लेख मिलता है। जिनप्रभसूरि के अनुसार ऋषभ के सौ पुत्र थे। उनमें एक का नाम 'कुरु' था। उसके नाम से 'कुरु' जनपद प्रसिद्ध हुआ। कुरु के पुत्र का नाम 'हस्ती' था। उसने हस्तिनापुर नगर बसाया। यह नगर गंगा नदी के तट पर था। पाणिनि ने इसे हस्तिनापुर कहा है। कुरु जनपद ज्ञाताधर्मकथांग में कुरु जनपद का उल्लेख मिलता है।” इसके दो प्रमुख नगर इन्द्रप्रस्थ और हस्तिनापुर थे। कुरु राष्ट्र, कुरुक्षेत्र और कुरु जांगल- ये तीनों एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। थानेश्वर-हस्तिानपुर-हिसार अथवा सरस्वती-यमुनागंगा के बीच का प्रदेश इन तीन भौगोलिक भागों में बंटा हुआ था। गंगा-यमुना के लगभग मध्य में मेरठ कमिश्नरी का इलाका असली कुरु राष्ट्र था। इसकी राजधानी हस्तिनापुर थी। पाणिनि ने विशेष रूप से 'कुरु गार्हपतम्' (6/2/42) रूप इसकी सिद्धि की है। इस विशेष शब्द का अर्थ कुरु जनपद का वह धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण था जिसके अनुसार गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले सदाचार और धर्म का पूरा पालन करते थे।" हस्तीकल्प ज्ञाताधर्मकथांग में हस्तीकल्प का उल्लेख मिलता है। यह ग्राम शत्रुञ्जय के सन्निकट होना चाहिए क्योंकि पांडवों ने हथ्थकप्प में सुना कि भगवान अरिष्टनेमि गिरनार (उज्जंयत) पर्वत पर निर्वाण प्राप्त हुए हैं, तो पांडव हस्तीकल्प से निकलकर गिरनार की तरफ गए। इस समय सौराष्ट्र में तलाजा के पास में 77
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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