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ज्ञाताधर्मकथांग का सांस्कृतिक अध्ययन
जनसाधारण में शिक्षाप्रसार का कार्य भिक्षु भिक्षुणियाँ करते थे । राजगृह नगरी में भगवान महावीर ने धर्म देशना दी। राजगृह नगरी में धर्मघोष स्थविर ने संयम की प्रेरणा दी ।" भगवान महावीर ने मेघकुमार को धर्मोपदेश देते हुए सोना, उठना, बैठना व बोलना सिखाया तथा अहिंसा का पालन करते हुए संयम में प्रवृत्त होने की प्रेरणा दी ।7 दशवैकालिक सूत्र में भी ऐसा धर्मोपदेश मिलता है। भगवान अरिष्टनेमि द्वारा द्वारिका नगरी में जनसाधारण को धर्मोपदेश देने का उल्लेख भी मिलता है। भगवान ने थावच्चापुत्र को सामायिक व चौदह पूर्वों आदि की शिक्षा दी ।° शैलक राजा को थावच्चापुत्र ने धर्म का उपदेश दिया ।" शुक परिव्राजक ने सौगंधिका नगरी के लागों को सांख्यमत का उपदेश दिया । 12 थावच्चापुत्र ने अन्य मतावलम्बियों को जैन धर्म की शिक्षा दी । 13 धर्मघोष स्थविर ने महाबल आदि सात राजाओं को ग्यारह अंगों का अध्ययन करवाया ।4 चोक्खा परिव्राजिका ने मिथिला नगरी में दानधर्म, शौचधर्म और तीर्थस्थान का उपेदश दिया। मल्ली अरिहन्त ने मिथिला नगरी की परिषद् तथा कुम्भराजा व जितशत्रु आदि छः राजाओं को धर्म का उपदेश दिया 146
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जैन धर्म में देव, गुरु और शास्त्र का समान महत्व है । अरिहन्त और सिद्ध को परम गुरु (देवस्वरूप) माना गया है। आचार्य, उपाध्याय और साधु गुरुओं के क्रम में तीन स्तर हैं। जैन साधुसंस्था में आचार्य का स्थान सर्वोपरि है । ज्ञाताधर्मकथांग में आचार्य के छत्तीस गुणों का नामोल्लेख मिलता है।"
उपाध्यायों या शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए स्वतंत्र संस्था नहीं थी । शिष्यवृन्द अपने आचार्य की अध्यापन विधि देखकर अध्यापन की कला सीखते थे । आश्रम में गुरु की अनुपस्थिति में सर्वाधिक मेधावी छात्र अध्यापन का काम करता था । इस प्रकार वह गुरु के आश्रम में ही प्रशिक्षण पाता था । विद्यार्थी विविध विषयों के ज्ञानार्जन के लिए विभिन्न विषयाध्यापकों अर्थात् कलाचार्य 18, शिल्पाचार्य, धर्माचार्य आदि के पास जाता था। मेघकुमार जब लगभग 8 वर्ष का हुआ तो उसके माता-पिता ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए कलाचार्य व शिल्पाचार्य के पास भेजा । वैदिक युग में सहशिक्षा की प्रथा थी, जिसमें स्त्री और पुरुष समान रूप से शिक्षा ग्रहण करते थे । अत्रेयी ने वाल्मीकि आश्रम में लव-कुश के साथ शिक्षा प्राप्त की थी । 1 आलोच्य ग्रंथ ज्ञाताधर्मकथांग में सहशिक्षा प्रणाली का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है
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