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________________ ज्ञाताधर्मकथांग में शिक्षा प्रस्तुत परिभाषा एक व्यावहारिक परिभाषा कही जा सकती है, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र और अभिकरणों की व्यापक प्रस्तुति दी गई है। एडिसन के अनुसार "शिक्षा के द्वारा मानव के अंतर में निहित उन सभी शक्तियों तथा गुणों का दिग्दर्शन होता है, जिनको शिक्षा की सहायता के बिना अंदर से बाहर निकालना असंभव है।'27 प्रस्तुत परिभाषा में एडिसन ने जन्मजात शक्तियों के विकास और उद्घाटन का एकमात्र विकल्प शिक्षा को माना है, यह शिक्षा का एकांगी दृष्टिकोण है। मिल्टन ने कहा "मैं पूर्ण और उदार शिक्षा उसको कहता हूँ जो किसी व्यक्ति को इस योग्य बना देती है कि वह निजी एवं सार्वजनिक तथा शान्ति एवं युद्धकालीन कार्यों को दक्षता से, सुन्दरता से एवं न्यायोचित ढंग से कर सके। 22 मिल्टन ने व्यावहारिक शिक्षा को उदार शिक्षा मानते हुए उसकी प्रासंगिक उपयोगिता का मूल्यांकन किया है। वार्ड के अनुसार___ "शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानव की अभ्यास से परिवर्तनशील शक्तियों को अच्छी आदतों द्वारा कलात्मक ढंग से निकाले गए साधनों द्वारा पूर्णता प्रदान की जाती है तथा जिन साधनों का प्रयोग कोई भी व्यक्ति अपने लिए या दूसरे की सहायता के लिए निर्दिष्ट उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए करता है।''23 प्रस्तुत परिभाषा में शिक्षा को एक कलात्मक प्रक्रिया बतलाया गया है और इसे मानव की जन्मजात शक्तियों को पूर्णता प्रदान करने वाली बतलाया है। रूसो के अनुसार "शिक्षा कोई ऐसी वस्तु नहीं, जो बाहर से लादी जा सके, अपितु बालक की स्वाभाविक शक्तियों तथा योग्यताओं के आंतरिक विकास को शिक्षा कहते हैं। "24 ___ रूसो ने बाह्य शक्तियों को पूर्णतः नकार दिया है, जो संकीर्णता का परिचायक है। जॉन डिवी के अनुसार "शिक्षा उन सब शक्तियों का विकास है, जो व्यक्ति को इस योग्य बनाती है कि वह वातावरण को नियंत्रित कर सके और अपनी संभावनाओं की पूर्ति कर 211
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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