________________
भी जगह
आगम संस्थान ग्रंथमाला : 34
राम चमक रहे भानु समानी
समियाए धम्मे आरिएहिं पव्वइये
ज्ञाताधर्मकथांग
सांस्कृतिक अध्ययन
डॉ. शशिकला छाजेड़ (वर्तमान में साध्वी श्री प्रणतप्रज्ञाश्रीजी म.सा.)
सव्वत्थेसु समं चरे सव्वं जगं तु समयाणुपेही पियमप्पियं कस्स वि नो करेज्जा
सम्मत्तदंसी न करेइ पावं सम्मत्त दिहि सया अमूढे
समियाए मुनि होइ
आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर:
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ -