________________
भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, पृ. 21 दोशी, बेचरदास-जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग-1), प्रस्तावना, पृ. 19 जैन, महेन्द्र कुमार-जैन दर्शन, पृ. 8 शास्त्री, देवेन्द्रमुनि-जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 5 पाइअ सद्दमहण्णवो (सं.) दास, पं. हरगोविन्द, पृ. 106 आचारांग, सम्पा. मुनि मधुकर, 1.5.4.164, पृ. 172 व्या. सू., 5.4.26 शास्त्री, देवेन्द्रमुनि-जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 5 आवश्यक नियुक्ति, सम्पा. आ. विजयप्रेम सुरीश्वर, गा. 89, 90, 92, पृ. 17 नंदीसूत्र सम्पा. मुनि मधुकर, 76, पृ. 152 मूलाचार, सम्पा. शास्त्री कैलाश चन्द्र, पंचाचाराधिकार, 277, पृ. 234 बृहतकल्पभाष्य, गा. 132 नंदीसूत्र, सम्पा. मुनि मधुकर, 76 पृ. 152 स्थानांगसूत्र, 150 अनुयोगद्वारसूत्र, सम्पा. मुनि मधुकर, श्रुत निरूपण, 4 विशेषावश्यकभाष्य, 894 'सूत्र, श्रुत-मतिपूर्वद्वयनेक-द्वादशभेदम्'-तत्त्वार्थभाष्य, 1.22 'पवयणं पुण दुवालसंगे गणिपिडगे'- व्या. सू. 20.8.15
आवश्यकनियुक्ति, गा., 90, पृ. 117 (क) 'चउदस पुव्वा पण्णत्ता तं जहा'-समवायांग, सम्पा. मुनि मधुकर,
93, पृ. 40 (ख) 'दुवालसंगे गणिपिडगे पण्णत्ता तं जहा'-वही, 511, पृ. 171 (क) समवायांगवृत्ति-पत्र, 101 (ख) स्थानांगवृत्ति, 10.1 (क) नन्दी-मलयगिरि, पृ. 240 (ख) षट्खण्डागम (धवलाटीका), वीरसेन, पु. 1, पृ. 114 नन्दीसूत्र, सम्पा. मुनि मधुकर, 106, पृ. 197 विशेषावश्यकभाष्य, गा. 551 जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 10 नन्दीचूर्णि, पृ. 8 (क) धवला, पृ. 65 (ख) जयधवला, पृ. 83 जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 39 आगम युग का जैन दर्शन, पृ. 16 उपासकदशांगसूत्र, सम्पा. मुनि, आत्माराम, प्रस्तावना पृ. 9 शास्त्री, देवेन्द्रमुनि-जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 36
45.
तीर्थंकर व आगम-परम्परा
17