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है, जिससे निर्ग्रन्थ धर्म की सत्ता बुद्ध से पूर्व भली-भाँति सिद्ध हो जाती है। इस प्रकार पार्श्व की ऐतिहासिकता सर्वसम्मत है। ___ जैन परम्परा के अंतिम तीर्थंकर भगवान् महावीर का काल ईसा पूर्व 600 वर्ष के लगभग माना जाता है। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ व माता का नाम त्रिशला था। 30 वर्ष की अवस्था में इन्होंने दीक्षा ग्रहण की- तीसवासाइं अगारवासमझे वसित्ता..... (व्या.सू. 15.1.21)। लगभग साढ़े बारह वर्ष की कठोर तप साधना के पश्चात् 42 वर्ष की अवस्था में उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके पश्चात् 30 वर्ष भगवान् महावीर जन-कल्याण के लिए धर्मोपदेश देते रहे। इस तरह जैन कर्मभूमि में ऋषभदेव से प्रारंभ होकर भगवान् महावीर तक 24 तीर्थंकर हुए, जिन्होंने अहिंसा के प्रकाश में मानवता के विकास का मार्ग उन्मुख किया। महावीर के उपदेश व आगम
जैन परम्परा में तीर्थंकरों के द्वारा समय-समय पर आत्मकल्याण के लिए उपदेश दिये जाते रहे हैं। सभी तीर्थंकरों के उपदेशों में प्रायः साम्यता होती है, एकरूपता होती है, इसलिए आप्तवाणी को अनादि व अनंत कहा गया है किन्तु अन्तिम तीर्थंकर के उपदेशों को ही आगम के रूप में स्वीकार कर जैन संघ की शासन व्यवस्था चलती है। इस दृष्टि से भगवान् महावीर की उपदेशवाणी को ही आगमों के रूप में स्वीकार किया गया है। स्पष्ट है कि वर्तमान में जो श्रुत उपलब्ध हैं,वह भगवान् महावीर द्वारा उपदिष्ट हैं। उन्होंने जो कुछ भी अपने श्री मुख से कहा वह गणधरों द्वारा ग्रंथ के रूप में गूंथा गया। अर्थागम तीर्थंकरों का होता है और ग्रंथ के रूप में शब्द शरीर की रचना गणधर करते हैं।
जैन परम्परा के अनुसार केवलज्ञान की प्राप्ति के पश्चात् ही तीर्थंकर धर्मदेशना देते हैं। यह देशना दिन में तीन या चार बार होती है। प्रत्येक देशना में तत्त्वज्ञान, कथानुयोग, द्रव्यविषयक चर्चा, आचार-व्यवहार आदि सभी विषयों का विवेचन होता है। कुशल गणधरों द्वारा ही उन्हें द्वादशांग में विभाजित किया गया है; यथा- चरित्र विषयक-वार्ताएं आचारांग में, कथांश ज्ञाताधर्मकथा व उपासकदशांग आदि में, प्रश्नोत्तर व्याख्याप्रज्ञप्ति, प्रश्रव्याकरण आदि में।17 आगम की परिभाषा व स्वरूप
__ आगम शब्द की व्युत्पति 'आ' उपसर्ग और 'गम्' धातु से हुई है। 'आ' उपसर्ग का अर्थ समन्तात् अर्थात् पूर्ण है और 'गम' धातु का अर्थ गति प्राप्ति है।18 पाइअसद्द-महण्णवो' में आगम का अर्थ शास्त्र या सिद्धांत किया गया है। यह
व आगम-परम्परा
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