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68. द्रव्यसंग्रह, गा. 22 69. 'तीयद्धा अवण्णा जाव अफासा पन्नता। एवं अणागयद्धा वि। एवं सव्वद्धा वि।'- व्या. सू.
12.5.35 _ 'चउव्विधे पन्नते, तं जहा - अवण्णे अगंधे अरसे अफासे।' - वही 20.5.18 71. 'अद्धा दोहारच्छेदेणं छिज्जमाणी जाहे विभागंनो हव्वामागच्छति से त्तं समाए समयट्ठताए'
वही 11.11.16 72. (क) वही, 11.11.7-16 73. वही, 6.7.5 74. वही, 11.11.17 75. वही, 6.7.7,8
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भगवतीसूत्र का दार्शनिक परिशीलन