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________________ 42 • जैन आगम : इतिहास एवं संस्कृति 134.आचारांगसूत्र, पृ० 63। 135.स्थानांग सूत्र, 429-30; समवायांग सूत्र, 17 जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, भाग-1। 136.आवश्यक सूत्र, सामायिक अध्ययन। 137.समवायांग, नन्दीसूत्र की टीका तथा आवश्यक नियुक्ति की विधि प्रथा में यह उल्लेख है। __ शीलांक की नियुक्ति कलकत्ता संस्करण, पृ० 435 एवं 251-268। 138.जैकोबी, जैन सूत्रज, जिल्द 22, पृ० 40। 139.जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, पृ० 641 140.सुत्ता अमुणी, मुणिणो सया जागरंति।-आचारांग सूत्र 1/3/1/1। 140.आचारांग सूत्र, 1/4/1/11 141.जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-1, पृ० 941 142. तदैव, पृ० 951 143. तदैव, पृ० 631 144. तदैव, पृ० 651 145.जैनसूत्रज, जिल्द 22, भूमिका। 146.आचारांग सूत्र, जैनागम ग्रन्थमाला भाग-1, पृ० 63। 147.हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर-।।, पृ० 438। 148.पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैन साहित्य की पूर्व पीठिका, अ० 1। 149.जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, पृ० 111। 150.जैकोबी, जैन सूत्रज, भूमिका, पृ० 43।। 151.हिस्टी आफ इण्डियन लिटरेचर, भाग-2, पृ० 415-4361 152. वही, पृ० 438 स्टडीज इन दी ओरिजिन्स आफ बुद्धिज्म, परिशिष्ट। 153.स्टडीज इन दी ओरिजिन्स आफ बुद्धिज्म, परिशिष्ट। 154.जैकोबी बेबर के कथन को उद्धृत करते हैं। द्र० जैन सूत्रज, भाग 1, पृ० 47 पाद टिप्पण। 155. तत्ववार्तिक, पृ० 73 षट्खण्डागम, पुस्तक 1, पृ० 991 156. कसाय पाहुड भाग-1, पृ० 122 157.नन्दीसूत्र 47| समावायंग सूत्र, 1471 158.बुज्झिज्झ पद से ज्ञान और तिउटिटज्जा पद से क्रिया का समन्वय कर सूत्रकार ने मुक्तिपथ का प्रदर्शन किया है। 159.द्र० जैन सूत्रज, जि० 45, पृ० 235, पाद टिप्पण -1। 160.हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर, भाग-2, पृ० 4381 161. एम० विन्टरनित्स, हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर, भाग-2, पृ० 441। 162. जैकोबी, सैक्रेड बुक्स आफ दी ईस्ट, जिल्द 45। 163.आगम और व्याख्या साहित्य, पृ० 46। 164.विन्टरनित्स, हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर, भाग-2, पृ० 4491 165.इइ पाडकरे बुद्धे नायए यपरिनिब्बुए। छत्तीसमं उत्तरज्झाए भवसिद्धीय संमए।।-उत्तराध्ययन, सानु० भूमिका। 166. उत्तराध्ययन सूत्र कान्टियर परिचयात्मक, पृ० 39। 167.हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर, भाग 2, पृ० 4491 168. उत्तराध्ययन नियुक्ति, गाथा 41 169. यहां तुलना के लिए उत्तराध्ययन तथा बौद्धधम्मपद से उदाहरण दिये जा रहे हैं -
SR No.023137
Book TitleJain Agam Itihas Evam Sanskriti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRekha Chaturvedi
PublisherAnamika Publishers and Distributors P L
Publication Year2000
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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