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________________ आगमकालीन धार्मिक एवं दार्शनिक विचार • 93 106. उत्तराध्ययन चूर्णि, पृ. 138। 107. ऋग्वेद, 7/21/5: 10/99/3। 108. उत्तराध्ययन, अ. 23। 109. कश्चिद् विद्वतमं महाधिकारं पुण्यशीलं विश्वसम्मान्यं ब्राह्मण विशिष्ठं व्रात्ये मनुलक्षय वचनमिति मंतव्यं -अथर्ववेद, 15/1/1/1 पर सायणभाष्य। 110. आश्वलायन गृहसूत्र 1/19: 5-7: बौधायन गृहसूत्र 3/13/5-6: वसिष्ठ, 11/71। 111. मनुस्मृति, 2/39: याज्ञवल्क्यस्मृति, 1/38। 112. शिव को अनार्य या व्रात्य होने के कारण दक्ष प्रजापति ने यज्ञ में नहीं बुलाया न ही उनसे उमा का विवाह करना चाहा था। द्र. भण्डारकर आर.जी.शैविज्म वैष्णविज्म एण्ड अदर माइनर रिलीजियस सिस्टम्स। 113. आपस्तम्बधर्मसूत्र, 1/1/1/24-28: 1/1/2/1-4 114. धर्मशास्त्र का इतिहास, पृ. 52-53। 115. मनुस्मृति अध्याय 101 116. व्रात्यस्त प्राणैक ऋषिस्ता विश्वस्य सत्पत्तिः। प्रश्नोपनिषद्, 2/11। 117. ऋग्वेद, 1/24/190/11 118. वैदिक साहित्य और संस्कृति, पृ. 229। 119. ताण्ड्य ब्राह्मण, जि. 1, पृ. 208। 120. तैत्तिरीय संहिता, 2/4/9/2: 6/2/7/5 तथा ताण्ड्य ब्राह्मण, 14/2/18: 18/11 121. ऐतरेय ब्राह्मण, 7/28। 122. मुण्डकोपनिषद्, 12/3/61 123. भगवद्गीता, 5/26/8/11। 124. आवश्यकनियुक्ति, गाथा 1465: आवश्यक हरिभद्रीय वृत्ति, 773। 125. आयोग व्यवच्छेदद्वाविंशिका, श्लो. 2011 126. इण्डियन हिस्टोरिकल क्वार्टरली, 8 परिशिष्ट, पृ. 30। 127. डिस्कवरी आफ इण्डिया, प्लेट नं. 51 128. त्रिषष्टीशलाकापुरुष चरित्र, पर्व 3, सर्ग 5, श्लोक 78 से 801 129. सर जान मार्शल, मोहनजोदड़ो, भाग-1,अंक-8, पृ. 110-1121 130. अनुयोगद्वारसूत्र तथा इसकी वृत्ति मल्लधारी हेमचन्द्र द्र. आचारांगसूत्र (आत्मारामजी) भाग-2, 2/2/84 पृ. 1008-91 131. निग्गम सक्क तावस, गेरुय, आजीव पचहासमणां। तम्मि निग्गंथा ते जे, जिण सासगभवा मुणिणों। सबका य सुगयसीसा, जे, जडिला ते उ ताक्सा गीया। जे थाउरतवस्था, तिदंडिणो गेरुया ते उ। जे गोसालगमय मणुखरंति, मन्नति ते उ आजीवा। समणन्णेण भु वणे, पंचवि पता परिसिद्धिनिमे।। प्रवचन सारोद्धार गा. 731-32। 132. निशीथसूत्र सभाष्य, भाग-2, पृ. 118-2001 133. दीर्घनिकाय, सामंज्जफलसूत्र, पृ. 16-20। 134. पव्वइए अणगारे,पासंडे चरगतावसे भिक्ख। परिवाइए य समणे, निग्गथे संजए भुत्ते।। तिन्ने ताई दविए, मुणिय खेते यदन्त विरय।
SR No.023137
Book TitleJain Agam Itihas Evam Sanskriti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRekha Chaturvedi
PublisherAnamika Publishers and Distributors P L
Publication Year2000
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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