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आगमकालीन धार्मिक एवं दार्शनिक विचार • 91
45. बौधायन धर्मसूत्र, सेक्रेड बुक्स आफ दी ईस्ट। 46. एच. कर्न, मैनुअल आफ इण्डियन बुद्धिज्म। 47. द्र. जैन दर्शन की रूपरेखा, पृ.9। 48. गौतम-ध. सू.; तुल. बौधायन-ध. सू., 6/11/161 49. वहीं, III, 12 50. वही, III, 13 तुल. बौधायन-ध. सू., 6/11/20। 51. गौतम-III, 121 52. वही, ।, 201 53. आचारांग-II, 1/7/61 54. गौतम-III,231 55. वही, III,241 56. आचारांग, 1/8/1/21 57. बौधायन भाग-2, 6/11/141 58. जैनसूत्रज, भाग-1, परिचयात्मक। 59. किन्नु मलं किमजिनं किमु श्मश्रुणि किं तपः।
___ पुत्रं ब्रह्माण इच्छध्वं स वै लोको वदावदः।। - ऐतरेय ब्राह्मण, 33/11 60. हिस्ट्री आफ दी धर्मशास्त्र, जि. 2, भाग-1, पृ. 418। 61. अर्ली बुद्धिस्ट मोनैकिज्म, पृ. 47-52।। 62. स्टडीज इन दी ओरिजिन्स आफ बुद्धिज्म, पृ. 322-326 तथा बौद्ध धर्म के विकास का
इतिहास, पृ. 25 63. दी एज आफ विनय, पृ. 1071 64. विस्तार के लिए द्र. बौद्ध धर्म के विकास का इतिहास, पृ. 25 तथा आगे। 65. ऐतरेय ब्राह्मण, 31/11 66. एन्शेन्ट इण्डिया एज डिस्क्राइब्ड बाई मैगस्थनीज एण्ड एरियन, पृ. 97-1051 67. द्र. बौद्ध धर्म के विकास का इतिहास, पृ. 3। 68. ऋग्वेद, केशीसूक्त। 69 ताण्डय ब्राह्मणः मनि रमण नाम स्थान का उल्लेख जि. 1.प.2081 70. शतपथ ब्राह्मण, जि02, पृ. 1041 तथा वृहदारण्यक सूत्र शंकराचार्य का शारीरिक भाष्य
3/4/91 71. ऐतरेय ब्राह्मण, 8/11
एन्शेन्ट इण्डिया एज डिस्क्राइब्ड बाई मेगस्थनीज एण्ड एरियन पृ. 97-1051 73. येषां च विरोध: शाश्वतिक:-अष्टाध्यायी, 2/4/9 । महाभाष्य-येषां च इस्यस्पावकाश:
मार्जारमूषकं श्रमण ब्राह्ममित्यादौ ज्ञेयः। 74. आचारांग एस.बी.ई. जि. 22, पृ. 92 । उत्तराध्ययन एस.बी.ई. जि. 45 पृ. 39। तु.
सामंज्जफलसूत्र, दीर्घनिकाय नालन्दा संस्क. पृ. 44-45 तथा अशोक के अभिलेख के
गिरनार और शाहबाजगढ़ी संस्करण। 75. उत्तराध्ययन एस.बी.ई. जि.45, पृ. 39-42। 76. ठाणं, 3/418 पृ. 235-36, तु. आचारांग आत्माराम जी-2, 1/9/49, पृ. 893। 77. दी एज आफ विनय, पृ. 145। 78. अर्ली बुद्धिस्ट मोनेकिज्म, पृ. 31-321