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है और अपने असली स्वरूप को भूल गयी है। वास्तव में आत्मा ही कर्ता है। वह सब क्रियाएं करती है आत्मा शरीर में रहने वाली देही है और शरीर, देह है। आत्मा के दो देह हैं। एक सूक्ष्म और दूसरा स्थूल । स्थूल देह जब छूट जाती है, तब भी सूक्ष्म देह आत्मा के साथ बनी रहती है। सूक्ष्म शरीर के साथ रहने से ही आत्मा बार-बार जन्म-मरण करती है। जन्म-मरण का यह कारण जब मिट जाता है तब जनम-मरण भी मिट जाता है। जन्म-मरण का कारण क्या है, यही वर्णन अब भगवती सूत्र में आता है ।
श्री भगवती सूत्र व्याख्यान २६६