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________________ जाना देखा, उसने वर्णन किया । जिसने जाना, देखा ही नहीं, वह वर्णन कैसे कर सकता है? गौतम स्वामी ने प्रश्न किया भगवन! नारकी एक गुण खुरदरे पुद्गल का आहार करते हैं, या असंख्यातगुण खुरदरे का अथवा अनन्त गुण खुरदरे पुद्गल का? भगवान ने फरमाया- गौतम! सभी प्रकार के खुरदरे पुद्गल का आहार करते हैं। आहार के विषय में यह बीस प्रश्न हुए । स्पर्श आठ हैं उनमें से एक स्पर्श के विषय में प्रश्न और उत्तर है। शेष सात स्पर्शो के विषय में भी इसी प्रकार समझना चाहिए । अतः कुल सत्ताईस प्रश्न और सत्ताईस उत्तर हुए। गौतम स्वामी - भगवन! नारकी जीव स्पर्श किये जा सकने वाले - छूने में आ सकने योग्य पुद्गलों का आहार करते हैं या स्पर्श न किये जा सकने योग्य पुदगलों का? भगवान - हे गौतम! स्पर्श किये जा सकने योग्य पुदगलों का ही आहार करते हैं, जो पुद्गल छुए नहीं जा सकते, उनका आहार नहीं करते । स्पृष्ट पुदगल दो प्रकार के होते हैं । अवगाढ अर्थात् जिन प्रदेशों में आत्मा हो, उन्हीं प्रदेशों में रहे हुए पुद्गल और अनवगाढ अर्थात भिन्न प्रदेशों में रहे हुए पुद्गल । इन दो प्रकार के पुद्गलों में से नारकी जीव किस प्रकार के पुद्गलों का आहार करते हैं? इस प्रश्न का उत्तर यह दिया गया है कि नारकी जीव अवगाढ पुदगलों का आहार करते हैं अनवगाढ का नहीं । तात्पर्य यह है कि जो पुदगल शरीर के सम्बन्ध में तो आये लेकिन आत्मा के साथ एकमेक नहीं हुए उनका आहार नहीं किया जा सकता । गौतम स्वामी - भगवन! नारकी जीव अगर अवगाढ पुदगलों का आहार करते हैं तो साक्षात अवगाढ पुदगलों का आहार करते हैं, या परम्परा अवगाढ पुदगलों का? भगवान - हे गौतम! साक्षात अवगाढ पुदगलों का आहार करते हैं परम्परा - अवगाढ पुदगलों का नहीं । गौतम स्वामी-भगवन् ! क्षेत्र से साक्षात् अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं या काल से साक्षात् अवगाढ पुद्गलों का? भगवान महावीर - दोनों से। गौतम-भगवन्! नारकी जीव अगर साक्षात् अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं, परम्परा - अवगाढ पुद्गलों का नहीं करते तो वे छोटे पुदगलों का आहार करते हैं या बडे पुद्गलों का? २४२ श्री जवाहर किरणावली
SR No.023134
Book TitleBhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Aacharya
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year2006
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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