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वारि (नपुंसकलिंग) प. बी. | वारि
वारीइं, वारीइँ, वारीणि .. . शेष 'नेमि'वत् सं. हे वारि
| हे वारीइं, वारी, वारीणि
अंसु (अश्रु) प. बी. | अंसुं
| अंसूइं, अंसूइँ, अंसूणि
शेष 'गुरु' वत् सं. | अंसु
| अंसूइं, अंसूइँ, अंसूणि
शब्दार्थ (पुंलिंग) अइसय (अतिशय) = अतिशय महावीर (महावीर) = चौबीसवें तीर्थंकर अग्गि (अग्नि) = अग्नि, आग का नाम, महावीर असुर (असुर) = असुर, राक्षस महुस्सव, महूसव, महोसव, महोच्छव असुरिंद (असुरेन्द्र) = राक्षसों के स्वामी (महोत्सव) = बड़ा उत्सव इंद (इन्द्र) = इन्द्र
| मेरु (मेरु) = मेरुपर्वत कंठ (कण्ठ) = गर्दन, गला राग (राग) = राग, स्नेह खण (क्षण) = समय , कालविशेष , क्षण| वज्जपाणि (वज्रपाणि) = इन्द्र गरुल (गरुड) = पक्षिराज
वाउ (वायु) = वायु, पवन, हवा गिरि (गिरि) = पर्वत
| विज्जत्थि (विद्यार्थिन्) = विद्यार्थी, विद्या जिअलोअ / जिअलोग = (जीवलोक)| का अर्थी दुनिया, संसार
विंझ (विन्ध्य) = विन्ध्याचल पर्वत जोह (योध) सैनिक, सिपाही सक्क (शक्र) = इन्द्र दोस (दोष) दुर्गुण, दोष
सत्तुंजय (शत्रुञ्जय) = सिद्धाचल तीर्थ पक्खि (पक्षिन्) पक्षी
सर (सरस्) = सरोवर पसु (पशु) पशु
सिद्धगिरि (सिद्धगिरि) = सिद्धाचल पाय (पात) गिरना, पतन पर्वत, सिद्धगिरि पाणि (पाणि) हाथ
हरि (हरि) = इन्द्र, विष्णु मच्छ (मत्स्य) मछली
हार (हार) = माला, हार
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