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________________ 12. विरला जाणन्ति गुणे, विरला जाणन्ति ललियकव्वाइं । सामन्नधणा विरला, परदक्खे दक्खिआ विरला ||3|| 13. गलइ बलं उच्छाहो, अवेइ सिढिलेइ सयलवावारे । नासइ सत्तं अरई, विवड्डए असणरहिअस्स ||4|| 14. सोमगुणेहिं पावइ न तं * नवसरयससी, तेअगणेहिं पावइ न तं नवसरयरवी । रूवगुणेहिं पावइ न तं तिअसगणवई, सारगुणेहिं पावइ न तं . धरणिधरवई ।।5।। 15. जस्सत्थो तस्स सुह, जस्सत्थो पंडिओ य सो लोए । जस्सत्थो सो गुरुओ, अत्यविहुणो य लहुओ य ||6|| 16. वंचइ मित्तकलते, नाविक्खए मायपिअसयणे अ । मारेइ बंधवे वि हु, पुरिसो जो होइ धणलुद्दो ।।7।। 17. न गणन्ति कुलं न गणन्ति, पावयं पुण्णमवि य न गणन्ति । इस्सरिएण हि मत्ता, तहेव परलोयमिहलोयं ||8|| 18. न गणन्ति पुव्वनेहं, न य नीइं नेय लोयअववायं । न य भाविआवयाओ, पुरिसा महिलाए आयत्ता ||9।। 19. मेरु गरिहो जह पव्वयाणं, एरावणो सारबलो गयाणं । सिंहो बलिट्ठो जह सावयाणं, तहेव सीलं पवरं वयाणं ||10|| 20. बालत्तणंमि जणओ, जव्वणपत्ताइ होइ भत्तारो । वुकृत्तणेण पुत्तो, सच्छंदत्तं न नारीणं ।।11।। 21. 'पसिणं'-किं होइ रहस्स वरं, बुद्धिपसाएण को जणो जयइ । किं च कुणंती बाला, नेउरसदं पयासेह ||12|| उत्तरं . . चक्कम्मंती प्राकृत में अनुवाद करें 1. राम और लक्ष्मण ने रावण की सेना जीती और लक्ष्मण के चक्र से कटा रावण मरकर नरक में गया । तं-अजितजिनं, • मेरुपर्वतः . चक्कं (चक्रम्), मंती (मन्त्री), चक्कम्मंती (भ्रमन्ती) इस पाठ में और आगे के पाठ में हिन्दी वाक्यों में बड़े अक्षर हैं वहाँ प्राकृत समास करें। स -२०५
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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