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________________ उदा. हस् + आवि + अ = हसाविअं। हँसाया हुआ, हँसाया हस् + अ = हासिअं । कर् + आवि + अ = कराविअं। करवाया, कर + अ = कारिअं धातु | हेत्वर्थ । सम्बन्धक | कर्तरि वर्तमान | भविष्य । | विध्यर्थ कर्मणि के अंग| कृदन्त भूतकृदन्त | कृदन्त | कृदन्त कृदन्त कार | कारिउं कारिउं | कारन्तो कारिस्सन्तो कारियव्वं कारे | कारेउं | कारेउं कारेन्तो कारेइस्सन्तो कारेयव्वं कराव | कराविउं| कराविउं करावन्तो कराविस्सन्तो करावियव्वं करावे | करावेउं | करावेउं करावेन्तो करावेइस्सन्तो | करावेयव्वं कार | कास्तिए | कारिअ कारमाणो कारिस्समाणो कारणीअं कारे कारेत्तए कारेअ | कारेमाणो कारेइस्समाणो | कारेअणीअं कराव करावित्तए कराविअ | करावमाणो कराविस्समाणो | करावअणीअं करावे| करावेत्तए करावेअकरावेमाणो करावेइस्समाणो| करावेअणीअं कार | कारितुं | कारिऊण कारई कारणिज्जं कारे | कारेतुं | कारेऊण | कारेई कारेअणिज्जं कराव | करावित्तुं | कराविऊण | करावई करावणिज्जं करावे | करावेत्तुं करावेऊण करावेई करावेअणिज्जं कार कारिउआण | कारन्ती-न्ता कारे कारेउआण | कारेन्ती-न्ता कराव कराविउआण करावन्ती-न्ता करावे करावेउआण करावेन्ती-न्ता कार कास्तुि |कारमाणी-णा कारेतु कारेमाणी-णा कराव करावित्तु करावमाणी-णा करावेत्तु करावेमाणी-णा कार कारिता-णं कारे कारेत्ता-णं कराव कराक्त्तिा -णं करावेत्ता-णं इस प्रकार सभी धातुओं के प्रेरक अंग तैयार करके कृदन्त बना सकते हैं | कारे करावे करावे -१८०
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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