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________________ आओ संस्कृत सीखें 1 203 मन् वह् परस्मै. अवाक्षीत् । अवोढाम् अवाक्षुः । आत्मने अवोढ . अवक्षाताम् अवक्षत । अवोवम् अवगड्ढ्व म् अवग्व म् । रुध् परस्मै. अरौत्सीत् अरौद्धाम् अरौत्सुः। आत्मने. अरुद्ध अरुत्साताम् अरुत्सत । अमस्त अमसाताम् अमंसत । रम् अरस्त अरंसाताम् अरंसत । लभ्... अलब्ध अलप्साताम् अलप्सत । मस्ज् - (पाठ 19 नियम 14 से) अमाङ्क्षीत् अमाङ्क्ताम् अमाक्षुः । अमाझ्व, अमाझ्म । अस्राक्षीत् अम्राष्टाम् अस्राक्षुः । अद्राक्षीत् अद्राष्टाम् अद्राक्षुः । 11. त प्रत्यय पर पद् धातु से स् (सिच्) के बदले इ (चिंच्) होता है और त का लोप होता है। उदा. उद् + पद् = उदपादि बुध् - आत्मनेपद अभुत्सि अभुत्स्वहि अभुत्स्महि अबुद्धाः अभुत्साथाम् अभुद्ध्वम्, द्ध्वम् अबोधि, अबुद्ध अभुत्साताम् अभुत्सत वेट् धातुओं के दोनों प्रकार मृज् धातु - पहला प्रकार अमार्जिषम् अमार्जिष्व अमार्जिष्म अमार्जी: अमार्जिष्टम् अमार्जिष्ट अमार्जीत् अमार्जिष्टाम् अमार्जिषुः दूसरा प्रकार अमार्क्षम् अमाव अमार्म अमाीः अमार्टम् अमार्ट अमाीत् अमार्टाम् अमा ः
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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