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आओ संस्कृत सीखें
अभाषे
अभाषथाः
अभाषत
अभाष्ये
अभाष्यथाः
अभाष्यत
आ + रुह्
भाष् = बोलना (गण 1 आत्मनेपदी)
अभाषावहि
अभाषेथाम्
अभाषेताम्
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अभाष्यावहि
अभाष्येथाम्
अभाष्येताम्
धातु-अर्थ
ऋध् : . = बढना (गण 4, परस्मैपदी) सम् + ऋध् = आबाद होना,
समृद्ध होना ( गण 4, परस्मैपदी)
कर्मणि प्रयोग
कुमारपाल = कुमारपाल - राजा (पुं.) दिवस दिन (पुं.) धनपाल = धनपाल कवि
=
मुद् = खुश होना (गण 1, आत्मनेपदी) वि + रच् = रचना करना, बनाना (गण 10 परस्मैपदी)
= चढ़ना ( गण 1, परस्मैपदी) नि + पत् = नीचे गिरना, बनाना
( गण 1 परस्मैपदी)
आ + रुह् = चढ़ना
आ + नी = लाना (गण 1, उभयपदी ) उद् + डी
= उड़ना (गण 1, आत्मनेपदी)
नरक = नरक (पुं.)
= राजा (पुं.)
पंडित = पंडित (पुं.) भूपाल भोज = भोजराजा (पुं.) युधिष्ठिर = युधिष्ठिर (पुं.) शत्रुंजय = शत्रुंजय महातीर्थ (पुं.) सिद्धराज = सिद्धराज (पुं.)
स्तेन = चोर (पुं.)
स्वर्ग = देवलोक (पुं.)
शब्दार्थ
अभाषामहि
अभाषध्वम्
अभाषन्त
अभाष्यामहि
अभाष्यध्वम्
अभाष्यन्त
डिम्भ: = बालक (पुं.) दुर्योधन = दुर्योधन (पुं.) पांडव = पांडव (पुं.)
माकंद = आम (पुं.)
= कुआ (पुं.)
कूप : जिन = जिनेश्वर देव (पुं.)
लक्ष्मण = लक्ष्मण (पुं.)
व्यापार = व्यापार (पुं.) धारा = धारा नगरी (स्त्री)
सभा = सभा (स्त्री)
आर्या = साध्वी (स्त्री)
आज्ञा = आज्ञा (स्त्री)