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आओ संस्कृत सीखें
अनु + भू = अनुभव करना,
आ + गम् = आना ( गण 1,
ई
अद्य = आज (अव्यय) अध्ययन = पढ़ना (नपुं)
उद्यम = प्रयत्न (पुं.)
कारण = हेतु (नपुं.)
कार्य = काम (नपुं.)
= देखना ( गण 1 परस्मैपदी)
निर् + ईक्ष् = सूक्ष्मता से देखना, निरीक्षण करना (गण 1, आत्मनेपदी) परा + जि = हार जाना, पराजित होना ( गण 1, आत्मनेपदी) परि + ह्र = त्याग करना (गण 1, उभयपदी ) प्र + भू = उत्पन्न होना, समर्थ होना ( गण 1, प्र + दा (यच्छ ) = देना ( गण 1, परस्मैपदी )
परस्मैपदी)
प्र + स्था ( तिष्ठ) = प्रयाण करना, जाना (गण 1, आत्मनेपदी ) वि + रम् = विराम पाना, रुक जाना ( गण 1, परस्मैपदी)
आत्मनेपदी)
वि + ह = विहार करना, जाना ( गण 1, उभयपदी) वि + जि = विजय पाना, जीतना ( गण 1, सिध् = सिद्ध होना (गण 4, परस्मैपदी) प्र + अर्थ = प्रार्थना करना ( गण 10, आत्मनेपदी)
अनु + रुध् = इच्छा करना, मानना ( गण 4, आत्मनेपदी ) प्र + जन् (जा) = उत्पन्न होना ( गण 4, आत्मनेपदी )
शब्दार्थ
कुल = कुल (नपुं.)
गोधूम = गेंहू (पुं.)
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डु = चावल (पुं)
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धातु एवं उपसर्ग
जानना ( गण - 1, परस्मैपदी) परस्मैपदी)
धनिक:
मनोरथ
= धनवान् (विशेषण)
= इच्छा (पुं)
माष = उड़द (पुं.)
विद्या = विद्या (स्त्री)
सिंह = सिंह (पुं)
सुप्त = सोया हुआ (विशेषण)
सौराष्ट्र = सौराष्ट्र देश (पुं.) हि = निश्चित रूप से