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आओ संस्कृत सीखें
1163 6. इस तालाब में बहुत से कमल पैदा होते हैं। - 7. आपके नाथ होने पर प्रजा का अशुभ कहाँ से? 8. जिसके जीने पर बहुत से जीते हैं, वह यहाँ जीता है | 9. पूज्यों के द्वारा पुजाता हुआ सचमुच किस-किस के द्वारा पुजाता नहीं ? 10. सूर्य का उदय होने पर सचमुच कमल खिलते हैं, चन्द्र के उदय होने पर चन्द्रकान्त
मणि झरता है। 11. सत्पुरुषों का कोप नीच मनुष्य के स्नेह के समान होता है, (जैसे) सत्पुरुषों को कोप
नहीं होता और होता तो लंबे समय तक नहीं टिकता, अगर लंबे समय तक होता है तो
फल के विपरीत होता है। 12. दूर रहने पर भी सत्पुरुषों के गुण सर्वत्र पूजे जाते हैं, केतकी की गंध सूंघने के लिए
भौरे खुद जाते हैं। 13. अग्नि द्वारा जलते हुए एक सूखे झाड़ से सारा जंगल जलता है, उसी तरह खराब पुत्र से पूरा कुल जलता है।
पाठ-30
हिन्दी का संस्कृत अनुवाद 1. जनास्सत्यं वदेयुः । 2. नृपतिः प्रजां रक्षेत् । 3. शिष्यैर्गुरुर्वन्द्येत । 4. हे छात्रा ! युष्माभिः प्रातः पठ्येत । 5. यदि युष्माभिस्सुखं त्यज्येत तर्हि विद्या लभ्येत । 6. यदि नृपेण प्रजा पाल्येत तर्हि प्रजया नृपस्याज्ञानुरुध्येत । 7. यदि जना धर्ममाचरेयुस्तर्हि सुखं लभेरन् । 8. वयमत्रोद्यान उपविशेम । 9. अरे ! किमहं नृपं सेवेयोतेश्वरं भजेय ? 10. भो जनाः ! शीलं पाल्येत लोभञ्च त्यज्येत । 11. अत्र वृक्षस्य छायायामुपविश्य वयं विश्राम्येम् ।