________________
(८८)
मूड तथा भाषांतर. समय द्रव्य करतां आकाश प्रदेशो अनंत गुणा छे, तेथी करीने प्रदेशो अनंतगुणा छे. ५. प्रदेशो करतां अनंतगुणा पर्यायो छे. कारण के एक एक आकाश प्रदेशमा अनंता अगुरुलघु पर्यायो रहेळा छे, माटे ६. ४४.
हवे अप्रदेश अने सप्रदेश पुद्गलनु स्वरुप कहे छ:दव्वे खित्ते काले भावे अपएस पुग्गला चउहा। सपएसा वि य चउहा अप्पबहुत्तं च ऐएसिं ॥ ४५ ॥
अर्थ-अप्रदेश पुद्गलो (परमाणुओ ) द्रव्य, क्षेत्र, काळ अने भावथी एम पार प्रकारे छ, सप्रदेश पुद्गलो पण एज प्रमाणे चार प्रकारना छे. तेओर्नु-अप्रदेश अने सप्रदेश पुद्गलोर्नु अल्प बहुव जाणवु. ४५.
हवे अपदेशनु स्वरुप कहे छ:दव्वेण परमाणू खेत्तेणेगप्पऐसमोगाढा । कालं.गसमइआ भावेजेगगुणवन्नाई ॥ ४६ ॥
अर्थ-परस्पर नहीं मळेला परमाणुओ द्रव्यथी अप्रदेश पुद्गलो थाय छे, एक आकाश प्रदेशने व्यापीने रहेला परमाणुओ क्षेत्रथी अप्रदेश पुद्गलो कहेवाय छे, एक समयनी स्थितिवाळा परमाणुओ काळथी अप्रदेश पुद्गलो कहेवाय छे, तथा एक गुण वर्णादिके रहेला परमाणुओ भावथी अप्रदेश पुद्गलो कहेवाय छे. भावार्थ एछे के-पाये करीने जे परमाणुओ परस्पर मळेला न होय, ते द्रव्ययी आदेश पुद्गलो कहेवाय छे. जे परमाणुओ एक एक आकाश प्रदेशमां अवगाहीने रया छवां पोतपोताना क्षेत्रने छोडे नहीं, ते क्षेत्रथी अप्रदेशी पुद्गलो थाय छे. ज्यारे ज्यारे पोतपोताना क्षेत्रने छोडीने परमाणुओ. बीजा बीजा क्षेत्रमा संचार करे-गति