SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 92
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ fvvvvv ...... www श्री विचार पञ्चाशिका. (८७) परिणतने विषे विश्रसा परिणाम उतां पण तेनी विवक्षा करा नथी. आ प्रमाणे योगसा करतां विश्रसा अनंतगुणा छे. ते करतां पण विश्रसा परिणत पुद्गलो अनतगुणा छे. कारणके जीव अग्रहण प्रायोग्य परमाणु आदि पण ग्रहण प्रायोग्य करतां अनंतगुणा के. ए प्रमाणे त्रणे प्रकाना सर्व पुद्गलो पण जीव करतां अनंतगुणा छे. २ पुद्गलो करतां समयो अनंतगुणा छे. शी रीते ? समय क्षेत्रने विषे-अढीद्वीपने विषे जे द्रव्यांना पर्यायो छे, ते एक एक पर्यायोमां वर्तमान समय वर्त छे. ए प्रमाणे वर्तमान समय अही द्वीपना द्रव्य पर्याय गुणो थाय छे. ते रीते गणतां वर्तमान एक समय अनता समय रूप थाय छे. तेथी वर्तमान समय पण पुद्गलो करतां अनंतगुणा थाय छे. केमके एक द्रव्यना पर्यायानुं पण अनंतानंतपणुं छे. वळी केवळ आ अढी द्वीपमा रहेला पुद्गलो करतांज अनंतगुणा समय छ, एम नहीं, परंतु सर्व (आखा) लोकमा रहेला द्रव्योना पर्यायो करतां पण ते ( समय ) अनंतगुणा छे आनो विस्तार ग्रांतरथी नाणी लेवो. ३. समय करतां द्रव्यो विशेषाधिक छे. केवी रोते ? ते कहे छे-सर्व समयो उपरांत वाकीना प्रत्येक द्रव्यो जीव पुद्गल धर्मास्तिकाय विगैरेने ते त्रीजा वोलमां कडेल समयमा क्षेपन करीये, तो ते केवळ समय करतां समस्त द्रव्यो विशेषाधिक ज थाय छे. पण सख्यात गुणा विगेरे थता नथी, कारण के समय द्रव्यनी अपेक्षार जीवादिक शेष द्रव्यो ओछा छे तेथी. ४. अहीं शिष्य प्रश्न करे छे के-अद्धा समयने द्रव्यज शा माटे कहेg जोइए ? उत्तर - समय स्कंधनी अपेक्षाए पदार्थपणान पण तेमां पूज्यमानाणुं छे तेथी. ते आ प्रमाणे-जेप स्कंध द्रव्य तरीके सिद्ध छे, अने स्कंधना अवयवो प्रदेशपगे सिद्ध छे, तेम समय स्कंध वर्ती समयो प्रदेशो छे, ने समय स्कंध ते द्रव्य छे. ४. द्रव्य करतां प्रदेशो अनंतगुणा छे. शी रीते ? ते कहे छे-अद्धा
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy