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धातु साधित संज्ञा
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फुट्टिसु नन्दउ चिन्तइ
गुणइ पिअह रच्चसि
सहेसइ वुड्डीसु
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खज्जइ
वन्देइ
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" फुट्ट फूटना भविष्यत् “ नन्द प्रसन्न होना आज्ञा तत्सम चिन्त चिन्तन वर्तमान
करना तद्भव गुण गुनना वर्तमान " पिअ पीना, आज्ञा रक्त-रच्च अनुरक्त वर्तमान
होना तत्सम सह-मर्षणे सहना भविष्य देशी वुड्डू बूड़ना " तद्रव खज्ज खाना वर्तमान तत्सम बन्द नमस्कार " करना
करना तद्भव वी+सर विसरना "
सुक्क सूखना - मेल्ल छोड़ना " धा दौड़ना
ठहरना चड चढ़ाना मर मारना रक्ख रखना सक्क समर्थ होना " मृ-मुअ मारना " गवेस खोजना " पवीस प्रवेश करना " मोड मोटा करना "
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वीसरइ सुक्कई मेल्लइ
धाइ
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ठाइ चडाहुं मराहुं रक्खइ सक्कइ
4/441 4/442 4/444
मुअइ
गवेसइ पवीसइ मोडन्ति
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