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धातु साधित संज्ञा
425
4/401
समप्पउ
"
सम+आप समाप्त- "
करना वह ढोना या वर्त० काल
4/401
वहइ
तत्सम
पाना
जाण
जानना
तद्भव " .
वज्ज
-4/401 जाणिउ 4/404 घडदि 4/406 निवडइ
वज्जइ गलन्ति
होन्ति ___ एइ
देइ 4/416 उल्हवइ
घड बनाना " निवड गिरना "
वजना
गलना हो जाना इण=ए जाना इण=ए
तत्सम
गल
तद्भव
.
देना
4/418
उवमिअइ "
हणइ
गज्जु
उल्हव उलहना "
देना उवमिअ उपमा -
देना हण मारना - गज्ज चिल्लाना " तिम्म भींगना - अणु+हर अनुसरण "
करना खा खाना " पीअ पीना वि+द्धव द्रवित
तिम्मइ अणुहरइ
4/419
खाइ पीअइ
विद्दवइ
होना