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धातु साधित संज्ञा
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4/343 4/345
4/347 4/349
आणहि " वण्णिअइ तद्भव देक्खु " दारन्तु " पयट्टइ पडिपेक्खइ " देक्खइ जाइ . माइ तत्सम फोडेन्ति तद्भव रक्खेज्हु (जइ) तद्भव
4/350
... . . . . . . EEEEE. .. . . . EEE.
आण लाना लोट वण्ण वर्णन करना लट् देख देखना लोट दार फाड़ना " पयट घसना लट पङि+पेक्ख देखना देख देखना " जा जाना " मा समा जाना " फोड़ फोड़ना " रक्ष/रक्ख रक्षा लोट
से करना इण-गतौ जाना मह चाहना लट् गण गिनना लोट् उम्मील खोलना लट् पयास प्रकाश करना " फुट्ट फूटना देख देखना स्थाप/ठाव रखना " रुस-रूसनारूठना गण गिनना तिष्ठ/चिट्ठ बैठना नि+वह
लट्
4/351 4/353
तत्सम तत्सम
4/354
4/357
एन्तु महन्ति गणन्ति उम्मिलइ पयासइ फुट्टि देक्खउँ ठवइ रूसइ
तद्भव " " "
4/358
तत्सम
गणइ
तत्सम
चिट्ठदि
तद्भव
4/360 4/360
निव्वहइ