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हेमचन्द्र के अपभ्रंश सूत्रों की पृष्ठभूमि
43. प्राकृत पैंगलम् का भाषा शास्त्रीय और छन्दः शास्त्रीय अनुशीलन
भाग-2-पृ० 2451 44. उक्ति व्यक्ति प्रकरण-671 भूमिका पृ० 57।
लिण्डो आर्यन-पृ० 248-91 46. 'बी एस ओ एस' viii-ii-iii, पृ० 567 डा० तगारे द्वारा उद्धृत-हि०
ग्रा० अप० पृ० 2871 लिन्डो आर्यन-पृ० 2471 षड्भाषा चन्द्रिका-पृ० 284 प्रकाशन-गवर्मेन्ट सेन्ट्रल प्रेस बाम्वे, सन 1916.
Comparative Grammer of Middle Indo Aryan p.152 50. हिस्वयोरिदुदेत्-8/4/387 51. सिद्धहेमगतअपभ्रंश व्याकरण-भूमिका पृ० 38 52. Turner,JRAS 1927, pp.232-5; BSOS V(1930),50, VI(1952),
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53. Comparative Grammar of Middle Indo Aryan p.155 54. भोजपुरी भाषा और साहित्य-तिवारी : $536-37, पृ० 273 । 55. प्राकृत भाषाओं का व्याकरण-6515-17। 56. न वा कर्म भावेव्वः क्यस्य च लुक (8/4/242) चिजिप्रवृत्तीनां भाव
कर्मविधिं वक्ष्यामः। 8/3/160 57. षड्भाषा चन्द्रिका-3/4/56 ....एवमजन्तानां हलन्तानां च धातुनां
भावकर्मणोर्णिचि च रूपसिद्धिः प्राकृतवदेव कल्पनीया। 58. संदेश रासक-प्रो० भयाणी $71-भूमिका पृ० 34 59. पुरानी राजस्थानी-137, अनु० नामवर सिंह 60. उक्तिव्यक्तिप्रकरण-भूमिका $72 पृ० 57