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'समीक्षण ध्यान' का आधार आगम है और इसके व्याख्याकार स्वयं समीक्षण ध्यानयोगी आचार्य श्री नानेश हैं, अतः देखते-देखते समाज ने समीक्षण ध्यान की साधना को अपना लिया । आत्मसात् कर लिया। समीक्षण ध्यान पर बहुआयामी सामग्री का प्रकाशन हुआ और समीक्षण ध्यान के साधना शिविरों में साधक उमड़ पड़े । करुणामूर्ति आचार्य - प्रवर ने समाज से 'आत्मसमीक्षण' का आह्वान किया। यह एक कालजयी आह्वान है और इसमें समतामय समाज-रचना कर सकने क्रम अतुलित सामर्थ्य है । प्रस्तुत ग्रन्थ 'आत्मसमीक्षण' आचार्य श्री नानेश के विचार सार, विचार नवनीत को अपने कलेवर में समेटे है और व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के लिए एक प्रकाश स्तंभ की भांति की पथ-प्रदर्शक है। यह अद्भुत ग्रंथ-रत्न विज्ञान, मनोविज्ञान, समाज विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में गुरुदेव की एक अपूर्व देन है। इसमें आत्मसमीक्षण के नव सूत्रों के साथ ही समता की जययात्रा तक का सांगोपांग विवेचन है ।
विश्वास है यह ग्रन्थ समाज के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में विश्व मानवता के लिए आगम साहित्य की अनमोल भेंट होगी । परमपूज्य आचार्य गुरुदेव के विचार नवनीत को समाज के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हम हर्षित हैं ।
प्रस्तुत ग्रन्थ में आचार्यश्री के भावों को पूर्ण रूप से आत्मसात करते हुए जो सम्पादन कार्य श्रीमान् शान्तिचन्द्र जी मेहता, चित्तौड़ ने किया इसके वास्ते हम श्री मेहता के प्रति अपना हार्दिक आभार ज्ञापित करते हैं ।
प्रस्तुत ग्रन्थ की प्रस्तावना डॉ. भानीराम वर्मा 'अग्निमुख' कलकत्ता ने लिखी है । इस पुनीत कार्य के वास्ते हम डॉ. 'अग्निमुख' के हृदय से आभारी हैं।
आचार्य श्री का जीवन परिचय लिखने के वास्ते हम डॉ. आदर्श सक्सेना के आभारी हैं ।
प्रस्तुत ग्रन्थ के उत्तम मुद्रण तथा कवर पृष्ठ डिजाइनिंग वगैरह में अपना अमूल्य परामर्श / सुझाव देने के वास्ते हम श्री दीपचन्द जी सांखला, सांखला प्रिण्टर्स के भी आभारी हैं ।
प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में हमें देशनोक के दानवीर, शिक्षाप्रेमी लूणिया परिवार का उदात्त अर्थ सहयोग प्राप्त हुआ है । लूणिया परिवार का संक्षिप्त परिचय प्रकाशकीय के सत्वर पश्चात् इसी ग्रंथ में प्रकाशित है।
आचार्यप्रवर के प्रेरक विचारों को संकलित, सम्पादित और प्रकाशित करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है, फिर भी कोई त्रुटि रह गई हो तो तदर्थ हम क्षमाप्रार्थी हैं।
भवदीय रिधकरण सिपानी चम्पालाल डागा
उपाध्यक्ष
अध्यक्ष
धनराज बेताला महामंत्री श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर सरदारमल कांकरिया
गुमानमल चोरड़िया
मोहनलाल मूथा
पीरदान पारख संयोजक
सदस्यगण, साहित्य समिति
डा. संजीव भानावत केशरीचन्द सेठिया