________________
[9] फूटती विगतो :
[Marks - 18] न. |Taulirl वाच | ऊ | सरित् | भवत् | भगवत् | आपद् | वीरम् | राजन् | ककुभ
વચન
|१/१ वाक्-ग् ऊहू-ग् सरित् | भवान् | भगवान् | आपद् वीरुत्-द्| राजा ककुप्-ब्
| वाचौ | ऊर्जी | सरितौ | भवन्तौ | भगवन्तौ | आपदौ | वीरुधौ | राजानौ | ककुभौ वाग्भिः | ऊग्भिः | सरिद्भिः भवद्भिः | भगवद्भिः | आपद्भिः | वीरुद्भिः | राजभिः ककुब्भिः वाग्भ्यां ऊग्भ्यां सरिद्भ्यां भवद्भ्यां भगवद्भ्यां आपद्भ्यां वीरुद्भ्यां राजभ्यां ककुब्न्यां
11111111
वाचः | ऊर्जः | सरितः | भवतः | भगवतः | आपदः | वीरुधः | राज्ञः | ककुभः वाक्षु | ऊर्बु | सरित्सु | भवत्सु | भगवत्सु आपत्सु | वीरुत्सु | राजसु | ककुप्सु वाचौ ! ऊर्जी ! | सरितौ ! भवन्तौ ! भगवन्तौ ! आपदौ ! | वीरुधौ ! राजानौ ! ककुभौ !
| सरिति | भवति | भगवति | आपदि | वीरुधि | राज्ञि | ककुभि वाचोः | ऊर्जाः | सरितोः भवतोः भगवतोः | आपदोः | वीरुधोः | राज्ञोः | ककुभोः ऊग्यः सरिभ्यः भवद्भ्यः भगवद्भ्यः आपद्भ्यः वीरुद्भ्यः राजभ्यः ककुब्भ्यः
| सरिते | भवते | भगवते | | आपदे | वीरुधे | राज्ञे | ककुभे | ऊर्जा | सरिता | भवता | भगवता | आपदा | वीरुधा | राज्ञा | ककुभा ऊर्जम
| भवन्तम् भगवन्तम् | आपदम् | वीरुधम् | राजानम् ककुभम् | जि | सरितः | भवन्तः |
आपदः
| राजानः| ककुभः वाच: ! ऊर्जि! सरितः ! भवन्तः ! भगवन्तः ! आपदः ! वीरुधः ! राजानः ! ककुभः !
वाग्भ्यः | ऊग्र्यः |सरिद्भ्यः भवद्भ्यः भगवद्भ्यः आपद्भ्यः वीरुद्भ्यः | राजभ्यः ककुब्भ्यः |18/७/२ | वाचोः ऊर्जाः | सरितोः भवतोःभगवतोः आपदोः | वीरुधोः | राज्ञोः | ककुभोः [10] फूटती विगतो :न. पातु | | अर्थ | तृ । अक | अन । अ । ति वाञ्छ વાંછવું
वाञ्छक वाञ्छन
वाञ्छ
| वाञ्छिति भ्रम् ભમવું भ्रमित भ्रामक भ्रमण
भ्रान्ति બબડવું जल्पित जल्पक जल्पन जल्प जल्पिति સેવવું सेवित
सेवक
सेवन सेव सेविति भ्राज શોભવું भ्राजित भ्राजक भ्राजन भ्राज भ्राजिति
आ + रम् | आरंभ २वो आरब्ध आरम्भक आरभण आरम्भ आरब्धि 7 | प्र + सद् | प्रसन्न थj प्रसत्तृ प्रसादक प्रसदन
प्रसद
प्रसत्ति | अनु + रुध् मा ४२वी | अनुरोद्ध | अनुरोधक | अनुरोधन | अनुरोध | अनुरुद्धि उञ्छ् । वीj उञ्छितृ
उञ्छक
उञ्छन उञ्छ उञ्छिति
वाञ्छितृ
भ्रम
जल्प
सेव
स२५ संस्कृतम् - ५
• १०3 •
परीक्षा-13