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7. सद्भिः सुहृद्भिः आपदि साहाय्यं क्रियते एव । 8. जनानां धात्रा(भगवता) धीमता महावीरेण सन्नेवोपदेशः दीयते । 9. अधुना मम मनसि धर्म एव रमते, यतः ह्यः भगवतः साधोः
सकाशात् मया भगवतः महावीरस्य वाग् न्यशाम्यत । [3] पूरेदी पारी ४या :
1. महिमानम् 2. ददद्भिः 3. महताम् 4. धीमता 5. भगवति
6. वणिजः 7. ऊर्जी 8. राट् - ड् ! 9. भवन्तौ [4] फूटती विगतो :न. आपद् | वीरुध् । राजन् | आत्मन् | ककुभ् | तादृश् | नामन् | शशिन् | सीमन् | 1| आपत्सु | वीरुत्सु | राजसु | आत्मसु | ककुप्सु | तादृक्षु | नामसु | शशिषु | सीमसु 2 | आपदः | वीरुधः | राज्ञः | आत्मनः | ककुभः | तादृशः | नाम्नः | शशिनः | सीम्नः 3 | आपदोः | वीरुधोः | राज्ञोः | आत्मनोः ककुभोः | तादृशोः | नाम्नोः | शशिनोः | सीम्नोः 4 आपद्भ्याम् वीरुद्भ्याम् राजभ्याम् आत्मभ्याम् ककुब्भ्याम् तादृग्भ्याम् नामभ्याम् शशिभ्याम् सीमभ्याम् |5| आपदा | वीरुधा | राज्ञा | आत्मना | ककुभा | तादृशा | नाम्ना | शशिना | सीम्ना [5] पूटती विगतो :न. als | भगवत् | धनवत् | सुहृद् | महिमन् | भाविन् | विश् | सदृश् | कर्मन् | सम्पद् | 1| 1/1 | भगवान् | धनवत् | सुहृद् | महिमा | भावि |विट-ड् सदृक् | कर्म | सम्पद् 2| 2/2 | भगवन्तौ | धनवती | सुहृदौ | महिमानौ | भाविनी | विशौ | सदृशी | कर्मणी | सम्पदौ 3| 3/3
| भगवद्भिः धनवद्भिः सुहृद्भिः | महिमभिः | भाविभिः | विभिः सदृग्भिः कर्मभिः सम्पद्भिः
भगवते | धनवते | सुहृदे | महिम्ने | भाविने | विशे | सदृशे | कर्मणे | सम्पदे |5| 6/2 | भगवतोः | धनवतोः | सुहृदोः | महिम्नोः | भाविनोः | विशोः | सदृशोः | कर्मणोः| सम्पदोः [6] शमहिर :
व | ता स | दृ | शा
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* सरस संस्कृतम् - 3
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पा6-१/२