________________
BacoonOnanervorranesenean
AVACAM
में लिखवाना। इतने में गुजराती के सुप्रसिद्ध लेखक श्रीयुत फूलचंद हरिचंद दोशी की लिखी हुई उपा. ध्याय श्री सोहनविजयजी म. की जीवनी लोगों के वांचने में आई। तब हजारों भक्तजनों ने यही सलाह दी कि श्री गुरूदेव की जीवनी भी गुजराती में लिखाई जाय और उसके लेखक भी श्रीयुत फूलचंदभाई ही होने चाहिये। इसलिए यह कार्य श्री फूलचंदजी दोशी को सौंपा गया और उन्होंने अपने हार्दिक प्रेम से इस कार्य को किया ।
आज मैं मेरा अहोभाग्य मानता हूँ कि मेरा यह प्रशस्य प्रयत्न सफल हुआ। पूर्ण आशा है कि गुणग्राहक भक्तजन इस से बहोत लाभ उठायेंगे और इस अमृतपान से अपने मानव जीवन को सफल मनायेंगे।
मु. वरकाणा तीर्थ )
(मारवाड़) भादरवा वदि ७ )
निवेदक:विजयललितमूरि