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अधिकारी डा. गुलाबचंद जैन का जिन्होंने मुझ जैसे नये शोध छात्र के कार्य का प्रकाशन सहर्ष रूप से करना स्वीकार किया। इस कार्य में मुझे श्री अनिल कुमार जैन (गुलमोहर पार्क), श्री रमेशचंद्र जैन (नवभारत टाइम्स), स्व. कमल सिंह (अलीगढ़) का विशेष सहयोग मिला जिसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। मैं अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सोनम जैन एवं सुपुत्री कुमारी अराध्या जैन के प्रति भी स्नेह व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने ग्रंथ के प्रकाशन में हो रही देरी के लिए मुझे समय-समय पर सजग किया। प्रस्तुत ग्रंथ के लेखन में जिन विद्वानों, लेखकों, प्रकाशकों के ग्रंथों, पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं आदि से मुझे सहायता प्राप्त हुई उन सभी के प्रति भी मैं कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।
मैं विशेष रूप से भारतीय संस्कृति और इतिहास के पुरोधा डॉ. कर्ण सिंह जी का आभारी हूँ जिन्होंने अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पुस्तक का प्राक्कथन लिखा। मैं राष्ट्रसंत आचार्य ज्ञानसागर महाराज का भी आभारी हूँ जिन्होंने पुस्तक हेतु अपना आशीर्वचन प्रदान करके मेरा उत्साहवर्धन किया है। उन्होंने ग्रंथ के अधिक से अधिक प्रचार हेतु भी प्रेरणा प्रदान की है।
मुझे आशा है कि इस ग्रंथ से उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन में जैन समाज के योगदान की विस्तृत, क्रमबद्ध, तथ्यपरक, प्रामाणिक व प्रेरणादायक जानकारियाँ प्राप्त होंगी, जिससे भविष्य में भी जैन समाज एवं साथ ही अन्य समुदाय अपने देश के प्रति समर्पण एवं त्याग की भावना को और अधिक सुदृढ़ कर सकेंगे।
डॉ. अमित जैन
नयी दिल्ली
आत्मकथ्य:: 17