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मैंने स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके परिवारों से साक्षात्कार लेने का प्रयास किया। इन प्रयासों से काफी जानकारियाँ एकत्रित हुई।
नई दिल्ली स्थित नेहरू स्मृति संग्रहालय और पुस्तकालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, कलानिधि पुस्तकालय (आई.जी.एन.सी.ए.), संसद भवन पुस्तकालय, सप्रू हाऊस पुस्तकालय, वीर सेवा मन्दिर पुस्तकालय आदि में अध्ययन के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तर प्रदेश के जैन समाज के योगदान से संबंधित महत्त्वपूर्ण दस्तावेज एकत्रित हुए। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत् विभिन्न सरकारी विभागों से भी जानकारी लेने का प्रयास किया गया, जिसमें भी आशा के अनुरूप सफलता मिली। इन सभी सामग्री के आधार पर मैंने अपना शोध कार्य पूर्ण किया। 12 फरवरी 2011 को विश्वविद्यालय के तेइसवें दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बी.एल. जोशी ने मुझे पी-एच.डी. की उपाधि प्रदान की।
उपरोक्त कार्य के दौरान मुझे आदरणीया डॉ. मधुबाला गुप्ता (शोध निर्देशिका एवं अध्यक्षा, इतिहास विभाग एस.डी. कॉलेज मुजफ्फरनगर) का विशेष निर्देशन एवं स्नेह मिला, मैं उनका आभारी हूँ। अपने माता-पिता श्रीमती कांतीदेवी जैन एवं श्री वी.के. जैन के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव डॉ. योगेन्द्र नारायण जी, श्री दर्शनलाल जैन (जगाधरी), स्वतंत्रता सेनानी सुन्दरलाल बहुगुणा (पर्यावरणविद), इनसीड (फ्रांस) के डीन श्री दीपकचंद्र जैन, श्री सी.के. जैन, (पूर्व महासचिव लोकसभा), श्री निर्मल कुमार सेठी (महासभाध्यक्ष), श्री एस.के. जैन (24, अकबर रोड, नयी दिल्ली), श्री आशु जैन (आयकर आयुक्त), पद्मश्री डॉ. श्याम सिंह 'शशि', स्व. श्री अरूण गुप्त (स्वतंत्रता सेनानी), डॉ. विनीता जैन, डॉ. के.सी. गुप्त, डॉ. के. सी. जैन (मु.नगर), नई दिल्ली निवासी डॉ. के.पी. जैन, (साऊथ एक्स.), डॉ. शिशिरकान्त जैन (सुखदेव विहार), श्री हृदयविक्रम जैन (गुलमोहर पार्क), स्व. श्री सुमतप्रसाद जैन (चाँदनी चौक), श्री विपिन मित्तल (संसद भवन), श्री राम मेहरोत्रा (रिलायंस इंडस्ट्रीज), श्री राजन जैन (पूर्व निदेशक ई.आई.एल.), छोटे भाई ई. अंकुर जैन (इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड), छोटी बहन कुमारी स्वीटी जैन, श्री अनिल जैन 'हीरा' (वीर सेवा समिति, दिल्ली), आगरा निवासी पूर्व सांसद निहाल सिंह जैन एवं श्री मदनलाल बैनाड़ा, लखनऊ निवासी डा. शशिकान्त जैन एवं रमाकान्त जैन, बिजनौर निवासी डा. अशोक जैन एवं डा. ऊषा जैन, मथुरा निवासी श्री केशवदेव जैन, कानपुर निवासी श्री अजित कुमार जैन आदि अनेक महानुभावों का मैं हृदय से आभारी हूँ, जिन्होंने समय-समय पर मुझे अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।
उपाधि मिलने के बाद मेरा प्रयास था कि उपरोक्त शोध ग्रंथ को प्रकाशित कराया जाये, इस क्रम में मैं अत्यन्त आभारी हूँ 'भारतीय ज्ञानपीठ' के प्रबधन्यासी, धर्मनिष्ठ, साहू अखिलेश जैन, निदेशक श्री रवीन्द्र कालिया एवं मुख्य प्रकाशन
16 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान