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________________ 36. अहिंसा विवेक, मुनि नगराजजी मुनि महेन्द्रकुमार 'प्रथम', प्रथम-1962, जै.श्वे. तेरापंथी महासभा 3, पोर्चुगीज, चर्च स्ट्रीट, कलकत्ता-1 37. आभामंडलं, युवाचार्य महाप्रज्ञ/मु.दुलहराज, 1991, आदर्श साहित्य, संघ, चूरू 38. आमंत्रण आरोग्य को, आचार्य महाप्रज्ञ दुलहराज/धनंजयकुमार, 1999, आदर्श साहित्य संघ, चूरू 39. आधुनिक भारतीय सामाजिक एवं राजनीतिक, डॉ. अमरेश्वर अवस्थी, डॉ. रामकुमार अवस्थी, Research publications, Tripolia, Jaipur-2 40. आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन, मुनिश्री नगराजजी, डी.लिट्, 31 मार्च, 1969, जै. श्वे. तेरपंथी महासभा, 3, पोर्चुगीज चर्च स्ट्रीट, कलकत्ता-1 41. आचार्य भिक्षु स्मृति ग्रंथ, कन्हैयालाल दूगड़, 1961, जै. श्वे, तेरपंथी महासभा, 3, पोर्चुगीज चर्च स्ट्रीट, कलकत्ता-1 42. आचार्यश्री तुलसी अभिनंदन ग्रन्थ, श्री अक्षयकुमार जैन, आचर्यश्री तुलसी धवल समारोह समिति, वृद्धिचन्द जैन स्मृति भवन, नया बाजार, दिल्ली 43. आरोग्य की कुंजी, गांधीजी सुशीला नाय्यर, 1948, नवभवन-नवजीवन प्रकाशन मन्दिर, अहमदाबाद 44. आधुनिक सामान्य मनोविज्ञान, डॉ. एस.एन.शर्मा, 1990-91, अर्चना प्रिण्टर्स, 403, सुभाषा प्ररम् बोदाला, आगरा-7 45. इंग्लैंड में गांधीजी, महादेव देसाई, अल्पमोती चतुर्थ-1959, मार्तण्ड उपाध्याय मंत्री सस्ता साहित्य मंडल, नई दिल्ली-1 46. इक्कीसवीं शताब्दी और जैन धर्म, आचार्य महाप्रज्ञ, 2003, जैन विश्व भारती, लाडनूं 47. ईशावास्योपनिषद् (सुश्रुत-टीका-समन्विता), डॉ. सुभाई वेदान्नंकार 'तनेजा' एम.ए.पी.एच.डी. साहित्याचार्य, अजमेरा बुक कम्पनी, त्रिपोलिया बाजार, जयपुर 48. उत्तरज्झयणाणि, आचार्य तुलसी युवाचार्य महाप्रज्ञ, 1993, जैन विश्व भारती संस्थान मान्य विश्व विद्यालय, लाडनूं 49. 108, उपनिषद्-ब्रह्म विद्या खण्ड, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, प्रथम आवृत्ति गुरूपूर्णिमा 2056, ब्रह्मवर्चस्, शान्तिकुंज, हरिद्वार (उ.प्र.) 50. एकला चलो रे, आचार्य महाप्रज्ञ, 2000, 2004, कमलेश चतुर्वेदी, आदर्श साहित्य संघ, 210 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली-2 51. एकदशोपनिषत्, प्रो. सत्यव्रत सिद्धांतालंकार, 1954, विद्या विहार, बलवीर ऐवेन्यू देहरादून 52. ऐसे थे बापू, यू.आर.राव, अक्टूम्बर 1969, सूचना और प्रसारण विभाग भारत सरकार, नई दिल्ली 53 कर्मवाद, आचार्य महाप्रज्ञ, 1997, आदर्श साहित्य संघ, चूरू 54. कर्मयोगी श्रीकेसरीमलजी सुराणा अभिनंदन ग्रन्थ, डॉ. नथमल टांटिया, ई. सन् 1982, कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, राणावास 55. कैसे हो सकता है शुभ भविष्य का निर्माण, आचार्य महाप्रज्ञ मुनि धनंजय कुमार साध्वी विश्रुत विभा, सितंबर 2005, जैन विश्व भारती, लाडनूं सन्दर्भ ग्रन्थ सूची । 421
SR No.022865
Book TitleAndhere Me Ujala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaralyashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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