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________________ अहिंसा की तकनीक : अहिंसा प्रशिक्षण बढ़ती हुई हिंसा दर्शन का आधार पा चुकी है। पूरा विश्व इसकी चपेट में है। धन-वैभव, सत्ता हथियाने का हिंसा प्रमुख साधन बन गयी है। हिंसा की शक्ति ने अहिंसा के लिए चुनौति खड़ी की है। मानवीय मल्यों का गिरता ग्राफ अहिंसक शक्तियों के समक्ष यक्ष प्रश्न है। विश्व-शांति के लिए बडी बाधा भी है। समाधान की भाषा में अनेक चिंतकों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये। इस कडी में गांधी और महाप्रज्ञ ने हिंसा के नियंत्रण एवं विश्वशांति की पृष्ठभूमि में जो अहिंसा के प्रशिक्षण की बात कही वो सर्वाधिक वजनदार प्रतीत होती है। दोनों मनीषियों ने बल दिया कि अहिंसा का प्रयोग और प्रशिक्षण व्यापक स्तर पर किया जाये ताकि हिंसा की समस्या का स्थायी समाधान हो सके। आज समाज-वैज्ञानिकों ने यह स्वीकार किया है कि विश्व की समस्याओं का निदान हिंसा में नहीं बल्कि अहिंसा में है। जिस प्रकार अहिंसा पालन के लिए अन्य कई शर्ते अनिवार्य हैं उसी प्रकार अहिंसक तरीके से समाज की समस्याओं के निदान हेत अहिंसा का प्रशिक्षण अनिवार्य है। हिंसा के द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए भी जब प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो अहिंसा जैसे उदात्त मूल्य को प्रशिक्षण के बिना कैसे कारगर सिद्ध किया जा सकता है, इसलिए अहिंसा के समर्थकों और इसमें विश्वास करने वालों के सामने आज मुख्य समस्या अहिंसक चेतना के जागरण की है। पृष्ठभूमि एक सामाजिक प्राणी पूर्णतः हिंसा से बच नहीं सकता, परन्तु जितनी अनावश्यक हिंसा हो रही है, उतनी संभवतः पहले कभी नहीं हुई। इस हिंसा को केवल सिद्धांत के आधार पर नहीं रोका जा सकता। उसे रोकने के लिए आवश्यक है-अहिंसा का प्रयोग और प्रशिक्षण। हिंसा की चेतना का रूपान्तरण किया जा सकता है। इसी आस्था ने अहिंसा-प्रशिक्षण को सकारात्मक स्वरूप प्रदान किया है। समाज की हिंसक परिस्थितियों से जुझने के लिए गांधी ने सत्याग्रहियों और शांति सैनिकों की कतार खड़ी की। उनका कहना था कि अहिंसा की दिशा में ऊँचाई पर पहुँचने के लिए प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है। 'इतनी बात सच है कि अहिंसा का प्रशिक्षण लेना पड़ता है और उसे बढ़ाना पड़ता है। उसकी गति ऊपर होती है, इसलिए उसकी ऊँची से ऊँची चोटी तक पहुँचने में कठोर श्रम करना पड़ता है।'72 गांधी की दृष्टि में अहिंसा का प्रशिक्षण हिंसा के प्रशिक्षण से भिन्न है। भिन्नता से उनका स्पष्ट आशय था कि हिंसा के प्रशिक्षण में मारने की कला सिखाई जाती है परन्तु इसके विपरीत अहिंसा की तालीम में मरने की कला सिखाई जाती है।.....हिंसा के प्रशिक्षण में अस्त्र अहिंसा की तकनीक : अहिंसा प्रशिक्षण / 309
SR No.022865
Book TitleAndhere Me Ujala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaralyashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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