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________________ में तनाव पैदा हो रहा है। लगभग सभी ने एक स्वर से हिंसा के लिए असमाजिक तत्वों और समाज को बांटकर राजनीति करने वाले नेताओं को जिम्मेदार बतलाया। ऐतिहासिक बैठक में यह आशा व्यक्त की गई कि राजनीति ने जो खाई पैदा की है, धार्मिक विद्वान उसे पाटेंगे और अमन चैन, खुशहाली व उन्नति का मार्ग दिखाएंगे। मुफ्ती सलीम अख्तर ने आचार्य महाप्रज्ञ से आह्वान किया कि वे हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के प्रमुख नेताओं से चर्चा करें और गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करें। ___मुस्लिम कौन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष इब्राहिम ताई, युसुफ पंजाबी, नवी अख्तर आदि अनेक मुस्लिम बंधुओं ने साम्प्रदायिक सौहार्द पर वार्तालाप किया। आचार्य महाप्रज्ञ ने बताया कि साम्प्रदायिक सौहार्द के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता। आज आवश्यकता है कि हिन्दुओं और मुस्लिमों में सौहार्द का भाव जागे। उपद्रव करने वाले तत्त्व तो बहुत थोड़े होते हैं, पर उसका परिणाम अनेक लोगों को भुगतना पड़ता है। आवश्यकता है कि सभी जगह साम्प्रदायिक सौहार्द का विकास किया जाए। नजफिया हाऊस के प्रिंसिपल मौलाना अहमद आबिदी ने आचार्य महाप्रज्ञ से भेंट की और शांति के प्रयत्नों की बार-बार प्रशंसा करते हुए अपने इस विश्वास को दोहराया कि आज जो हालात हैं वे अवश्य बदलेंगे और अवश्य ही आदमी सन्मार्ग पर आएगा। अहिंसा यात्रा के महा अभियान से प्रबुद्ध मानस में परिवर्तन की आशा जगी। बालकेश्वर स्थित मुस्लिम बोहरा समाज के सर्वोच्च धर्म गुरू डॉ. सय्यदना मोहम्मद साहब के सैफी महल में बोहरा समाज के आग्रह पर आचार्य महाप्रज्ञ पधारे। वहाँ 52वें धर्मगुरू डायलमुतलक डॉ. सययदन मोहम्मद बरहानद्दीन साहब से मुलाकात हई। अहिंसा यात्रा नायक ने प्रसन्नतापर्वक कहा कि अमन चैन की बहाली में बोहरा समाज का बड़ा महत्त्वपूर्ण योगदान है। 52वें धर्मगुरू ने आचार्य श्री की अहिंसा यात्रा की कामयाबी के लिए तहेदिल से तारीफ करते हुए दुआ की। दोनों धर्मगुरूओं ने एक स्वर से स्वीकार किया कि ‘झमेला, झंझट, दंगा-फसाद से देश की तरक्की रुकती है और व्यवसाय में विघ्न पड़ता है। लड़ाने वाले तो बड़े लोग होते हैं, लेकिन बेचारा गरीब ही मारा जाता है। झगड़े का बड़ा कारण मौजूदा राजनीति है। महज कुर्सी के लिए मारकाट और हायतौबा मची है। सभी धर्म गुरूओं को एक होकर अमन का कार्य करना चाहिए। अत्यंत सौहार्दपूर्ण मिलन से सभी को अहिंसा शांति के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिली। महाप्रज्ञ विद्या विहार प्रांगण में महाराष्ट्र युनाईटेड नेशन्स की ओर से 'ईराक युद्ध के संदर्भ में धर्माचार्यों की एक परिचर्चा के समायोजन में आचार्य महाप्रज्ञ ने मुस्लिम, सिक्ख, पारसी समाज के प्रतिनिधि धर्माचार्यों व प्रमुख लोगों के बीच कहा 'उपासना पद्धति भिन्न-भिन्न हो सकती है लेकिन मानवीय एकता के प्रति संवेदना जरूरी है। भगवान महावीर ने कहा था एक दूसरे को सहन करो। परस्पर सौहार्द एवं भाई चारा रहे। सभी ने आचार्य महाप्रज्ञ के विचारों का स्वागत किया। अपनी-अपनी बात कही। मौलाना मस्ताफ हमन आजमी ने कहा 'आप जैसे धर्म गुरू जो रोशनी दे रहे हैं, वह हमारे लिए चिराग है। अगर ऐसे महात्मा लुप्त हो जाए तो दुनिया शैतानों की बस्ती बन जाए।' मानवता के लिए इस उम्र में (तैयांसी के पार) आचार्य महाप्रज्ञ की अहिंसा यात्रा को उपहार स्वरूप बतलाया। अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ के भिंडी बाजार आगमन पर, मुस्लिम बंधुओं ने न केवल 112 / अँधेरे में उजाला
SR No.022865
Book TitleAndhere Me Ujala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaralyashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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