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________________ आपसी भाईचारे की बात फैलाने की दृष्टि से आज इस अहिंसा यात्रा का महत्त्व बहुत ज्यादा है। मुझे पूरा विश्वास है कि महाप्रज्ञ जी के प्रयास के जरिये समाज को सही दिशा में चलाने में निश्चित रूप से सहायता मिलेगी।' सोनिया जी ने इस अवसर पर अपने भावपूर्ण शब्दों में विस्तृत विचार रखें। आचार्य प्रवर ने कहा- 'अहिंसा यात्रा की जरूरत केवल महाप्रज्ञ को ही नहीं है। उसकी जरूरत पूरे राष्ट्र और विश्व को है। आज जिस प्रकार हिंसा बढ़ रही है, उससे पूरा राष्ट्र चिंतित है। यदि परे राष्ट्र में अहिंसा की यात्रा चले तो पूरा राष्ट्र फलफल सकता है।' अहिंसा के प्राण प्रतिष्ठापक महाप्रज्ञ ने यह भी कहा-'केवल दंडनीति के सहारे राष्ट्र अच्छा नहीं चल सकता। उसके साथ हृदय-परिवर्तन दोनों का समन्वय हो जाए तो राष्ट्र बहुत अच्छा चलेगा।' ___ अहिंसा यात्रा के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए आचार्य प्रवर ने कहा-'आज जिस प्रकार हिंसा बढ़ रही है, अहिंसा यात्रा की प्रासंगिकता सिद्ध हो रही है। इस बढ़ती हिंसा में भावी पीढ़ी का कल्याण कैसे हो? उसके लिए अहिंसा यात्रा जरूरी है। इसलिए मैं कहना चाहता हूँ कि अहिंसा यात्रा की जितनी जरूरत महाप्रज्ञ को है, उतनी ही जरूरत कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को है, पूरे राष्ट्र को है। इसके बिना राष्ट्र का कल्याण नहीं हो सकता, राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता।'21 इस अवसर पर विस्तार पूर्वक विचार रखें। धर्म नेता और राजनेता ने समान रूप से अहिंसा को उपादेय बतलाया। गुजरात का सुप्रसिद्ध अक्षरधाम, स्वामीनारायण के मंदिर में 24 सितम्बर को हुए आतंकवादी हमले में भव्य मंदिर मौत का मंजर बन गया। बेगुनाह लोगों को गन की गोलियों ने भून डाला। गुजरात में रहने वाले मुसलमानों में एक भय व्याप्त हो गया। गोधरा कांड का दर्दनाक दृश्य उनकी आंखों के सामने तैरने लगा। उन्हें भय था कि इस बार साम्प्रदायिक हिंसा फैली तो हमें द पड़ेगा, जीना दुभर हो जायेगा। एक मुस्लिम महिला ने कहा-'यह आतंकवादी हमला ऐसे वक्त हुआ है जब हम सबसे बुरे वक्त से गुजर रहे हैं।' पूरे गुजरात में एक दहशत फैल गई। अवसर पर आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने अपना एक संदेश दिया_ 'अक्षरधाम पर आतंककारियों ने जो नर संहार किया। वह बहुत लोमहर्षक घटना है, .....समाज के हर वर्ग को इस घड़ी शांति और सौहार्द बनाये रखना आवश्यक है। इस घटना को साम्प्रदायिकता का रूप न दिया जाए। परस्पर शांति, सद्भाव बना रहे।' इस संदेश की आत्मा ने मंत्र शक्तिवत् चमत्कार किया। गुजरात की धरती पर कोई अमानवीय घटना घटित नहीं हुई। पारस्परिक सौहार्द और सदभाव में न्यूनता की बजाय उत्कर्ष देखा गया। आचार्य महाप्रज्ञ के प्राणवान अहिंसक प्रयत्नों का ही परिणाम था कि मुस्लिम समाज ने स्थान-स्थान पर ऐसे बैनर लगाए जिसमें इस घटना की निन्दा की। सौहार्द व देशभक्ति को उजागर करने वाले बैनर मुस्लिम समाज ने लगाये, उनपर लिखा था 'मजहब नहीं सिखाता आपस में वैर रखना। हिन्दी है हम वतन है हिन्दुस्तां हमारा।।' मुस्लिम समाज के प्रमुख लोग मिलकर प्रमुख स्वामी नारायण के पास गए। इस घटना की निंदा की। इस कठिन समय में लोगों ने इस सच्चाई का अनुभव किया कि आतंकवादी की कोई जाति नहीं होती। न उसका कोई धर्म होता है। हिंसात्मक घटनाओं को जन्म देने वाले कुछ अपराधी तत्त्व होते हैं। कोई भी पूरी जाति उसकी जिम्मेदार नहीं होती। आचार्य महाप्रज्ञ का अहिंसा में योगदान / 109
SR No.022865
Book TitleAndhere Me Ujala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaralyashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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