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________________ अध्याय द्वितीय आधुनिक हिन्दी जैन साहित्य : पूर्व-पीठिका आधुनिक हिन्दी जैन साहित्य की परम्परा अति प्राचीन एवं सुसमृद्ध रही है। जैनाचार्यों और जैन साहित्यकारों ने सुंदर आत्म-पियूष-रस से आपूर्ण जिस साहित्य की रचना हिंदी भाषा में की थी, वह यद्यपि हिन्दी की अमूल्य धरोहर है। प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक युग के प्रारंभ तक हिन्दी जैन साहित्य का कैसा रूप रहा और कितनी महत्वपूर्ण कृतियाँ है, उस पर एक विहंगम दृष्टि डाल लेना समीचीन प्रतीत होता है। जिससे आधुनिक हिन्दी जैन साहित्य की मूलधारा स्पष्ट हो सके और अतीत के जैन साहित्य की समृद्ध परम्परा हमारे समक्ष आ सके। साहित्य मानव-जीवन का निर्माता एवं संस्कृति का परिचायक होता है। साहित्य में राष्ट्र की साहित्यिक संस्कृति की झलक प्रतिबिंबित होती है। कामता प्रसाद जैन यथार्थ लिखते हैं कि-दुनिया की शांतिपूर्व घड़ियों में ही सत्यं, शिवम्, सुंदरम् कला का सृजन होता आया है। साहित्य के अनूठे रत्न-प्रसून शान्त मस्तिष्क और शीतल हृदय से ही प्रसूत होते हैं। उद्धिग्न मस्तिष्क और अस्थिर चित्त जगत को लोकोपकारी स्थायी साहित्य नहीं दे सकता। अतः जैनियों ने शान्त रस को प्रधानता देकर मानव-प्रकृति के अनुरूप और उसके लिए उपयोगी कार्य किया है। जैन साहित्य ने मुक्त श्रृंगार रस की अति रोकने के लिए ही जैन कवियों ने शान्तरस की शीतल धारा बहाई। वैसे मर्यादा में चित्रित शृंगार रस बुरा या त्याज्य न होकर रसमाधुर्य ध्वनित करता है और व्यक्ति के विकास को पुष्ट भी करता है, केवल उसकी अति विनाशकारी होती है। प्राचीन जैन साहित्य की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए डा. वासुदेव सिंह लिखते हैं कि-जैन साहित्य मूलतः धार्मिक साहित्य है। जैन कवियों ने छिछरे श्रृंगार अथवा लौकिक आख्यानों की अपेक्षा धार्मिक और आध्यात्मिक साहित्य की रचना में ही अधिक रुचि ली है, यद्यपि धर्मेतर साहित्य की भी उनके द्वारा कम मात्रा में रचना नहीं हुई है। अपभ्रंश और हिन्दी में इनके द्वारा अनेक चरित काव्य और रासो ग्रन्थ भी लिखे गये हैं, जो अब धीरे-धीरे प्रकाश में आ रहे हैं। किन्तु इन कवियों की आवश्यकता से अधिक साम्प्रदायिक 1. आ. कामताप्रसाद जैनः हिन्दी जैन साहित्य का संक्षिप्त इतिहास, पृ. 13.
SR No.022849
Book TitleAadhunik Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaroj K Vora
PublisherBharatiya Kala Prakashan
Publication Year2000
Total Pages560
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size39 MB
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