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आधुनिक हिन्दी-जैन साहित्य
सम्पादकीय विवेचना के लेख अत्यन्त महत्वपूर्ण और अनेक साहित्यिक चर्चाओं पर प्रकाश डालते हैं। आपकी शैली गंभीर, पुष्ट, संयत और व्यवस्थित है, जिसमें प्रकाश का गुण सर्वत्र पाया जाता है।
डा. ज्योतिप्रसाद जैन एक कुशल सम्पादक के साथ आधुनिक निबंधकार के रूप में जाने-माने हैं। उन के लेखों-निबंधों की शैली धारापूर्ण एवं गद्यसौष्ठवपूर्ण मिलता है। 'प्रकाशित जैन साहित्य' के सम्पादकीय लेखक के अन्तर्गत आपकी सुगठित शैली का दर्शन होता है।
इन सबके अतिरिक्त हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध उपन्यासकार व कहानीकार के रूप में प्रसिद्ध सर्वश्री जैनेन्द्र जैन गंभीर चिन्तनात्मक, दार्शनिक निबंधकार के रूप भी में भी प्रसिद्ध हैं। उनके समस्त चिन्तन की पार्श्व भूमि सुलझी हुई है। जैन-दर्शन के अनेकान्तयात्मक ढंग से उन्होंने तात्विक समस्याओं का समाधान किया है।
___ आधुनिक युग में विद्वान-आचार्यों एवं मुनियों के व्याख्यानों (उपदेशों) को उनके अनुयायी या श्रद्धावान श्रोता द्वारा प्रकाशित करवाने की प्रथा जैन-समाज में काफी विकसित हुई है। इनमें से बहुत-से ग्रन्थों की भाषा तो अत्यन्त रोचक रहती है, साथ ही सामाजिक विषयों पर भी धर्म की चर्चा के साथ-साथ प्रकाश डाला गया होता है। वैसे यह सवाल पैदा होता है कि इन प्रकाशित व्याख्यान-भाषणों के ग्रन्थों को निबन्ध के अन्तर्गत स्थान दिया जाना चाहिए या नहीं ? जिनमें साहित्यिकता का गुण पाया जाता हो, उन पुस्तकों को निबन्ध, साहित्य के रूप में स्वीकारा जा सकता है और कोरी दार्शनिकता या उपदेश को साहित्य के रूप में स्वीकृत नहीं किया जा सकता।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि हिन्दी-जैन-निबंध-साहित्य परिमाण व गुणवत्ता की दृष्टि से पुष्ट है, उसी प्रकार उसके विविध विद्वानों की भिन्न-भिन्न रचना शैली से अति समृद्ध भी है; विषय के अनेकविध पहलुओं के साथ भाषा-शैली की प्रौढ़ता, गहराई, शुद्धता तथा उत्कृष्टता सचमुच ही जैन-निबंध साहित्य को प्राप्त है। जीवनी, आत्मकथा, संस्मरण और अभिनंदन-ग्रन्थ की भाषा शैली :
सर्वथा आधुनिक युग की जैन स्वरूप जीवनी व आत्मकथा के तत्त्व-महत्व के सन्दर्भ में थोड़ा-बहुत विचार कर लिया जाय तो अनुचित नहीं होगा। सामान्यतः जीवन-चरित किसी के सारे जीवन में किये गये महत्वपूर्ण कार्य व प्रसंगों से युक्त होता है। उसमें नायक के सम्पूर्ण जीवन या उसके यथेष्ट भाग की चर्चा होनी चाहिए, पर यह कोई नियम नहीं है, जिसका पालन करना हर