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श्रावस्ती पर बौद्ध धर्म का स्वर्णिम प्रभाव एवं सांस्कृतिक महात्म्य को प्रतिष्ठापित किया। श्रावस्ती की महत्ता का यह क्रम बारहवीं सदी ई० तक बना रहा। अतः धन्य थी वह श्रावस्ती - सावत्यि नगरी जिसके विषय में कथित है कि 'सब्बं अत्थि' अर्थात् जहाँ सब कुछ सभी के लिए विद्यमान था।
संदर्भ 1. आर्कियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट, भाग - 1, पृष्ठ 330। 2. ला, बी०बी०सी०; श्रावस्ती इन इंडियन लिटरेचर, पृष्ठ - 1। 3. भरत सिंह उपाध्याय, बुद्धकालीन भारतीय भूगोल, पृष्ठ - 237। 4. विशुद्धानन्द पाठक, हिस्ट्री ऑफ कौशल, पृष्ठ - 59। 5. "राजगंह कपिलवस्थुतो दूरं सट्ठि योजनानि, सवत्थि पन पन्चदश। सत्था राजगहतो पन्चतालीसयोजनं आगन्तवा सावत्थियं विहरति ।।"
मज्झिमनिकासय, अट्ठकथा, 1/3/4 6. जेम्स लेगे, दि ट्रैवेल्स ऑफ फाह्यान, पृष्ठ - 56। 7. थामस वाटर्स, आन युवानच्वांग्स ट्रैवेल्स इन इंडिया, पृष्ठ 377।