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जैन धर्म के अहिंसा - सिद्धान्त का ब्राह्मण परम्परा पर प्रभाव
12. छान्दोग्य उपनिषद्ः 3.17.4 13. गोयल, श्रीराम, भारतीय अभिलेख संग्रह, भाग 1, त्रयोदश शिला लेख, प्रथम
शिला, द्वादश इत्यादि। 14. थापर, रोमिला, प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास, ग्रंथशिल्पी दिल्ली, 2001,
पृ० 17 15. पाण्डेय, राजबली, हिस्टारिकल एण्ड लिटरेरी इन्स्क्रीप्शन्स, वाराणसी, 1962, पृ०
45-46 'चोय (ठि) अंग संतिक तुरीयं उपादयति।'
- खेम-राजा स वद राजा स भिखु राजा धम राजा। 16. गोयल, श्रीराम, तत्रैव, पृ० 441 17. तत्रैव, पृ० 61, 'आ प्राणोच्छ्नासात्पुरुषवध निवृत्ति कृत...........अन्यत्र संग्रामेषु।' 18. गुप्त वंश का महान चन्द्रगुप्त द्वितीय जो परमभागवत था इसने 'अश्वमेध यज्ञ' का
सम्पादन नहीं किया जो अहिंसावादी भागवत धर्म के प्रभाव का परिणाम था।