________________
53
अशोक के अभिलेखों की भाषा पर बौद्ध धर्म का प्रभाव
सरिता कुमारी
महात्मा बुद्ध ने धर्म प्रचार की नई शैली को जन्म दिया, उपदेश तथा प्रश्न उत्तर द्वारा जन साधारण के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करने के साथ-साथ धर्म प्रचार के नये आयाम बनाये । इसके पूर्व धर्म प्रचार शैली, पारस्परिक वाद-विवाद द्वारा विरोधी को परास्त कर देना मात्र था।
बौद्ध धर्म ने भारतीय साहित्य को नया जीवन प्रदान किया। अपनी साहित्यिक उपलब्धियों द्वारा इस धर्म ने विद्या तथा ज्ञान का प्रसार सामान्य जनमानस में किया । पालि भाषा में त्रिपिटक ग्रन्थों की रचना करके बौद्ध साहित्यकारों ने भारतीय साहित्य को धनी बना दिया। बौद्ध साहित्य की जातक कथायें विश्व भर में प्रचलित हैं । उस समय की प्रचलित जन भाषा, जिसमें समय-समय पर अनेक बौद्ध धर्म ग्रन्थों की रचनाएं विशेषकर पालि में की गयी हैं, जिसने भारतीय संस्कृति को एक विशाल साहित्य प्रदान किया ।
अशोक को अपने पिता से एक विशाल साम्राज्य मिला था। राजगद्दी पर बैठने के बाद उनसे आरम्भ में करीब 10 साल शासन को व्यवस्थित करने में गुजारे। 261 ई० पू० में कलिंग विजय के उपरान्त उसने धर्म विजय का मार्ग अपनाया। उस समय से अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया। बौद्ध धर्म को राजाश्रय प्रदान किया। देश-विदेश में बौद्ध धर्म का तेजी से प्रसार होने लगा। अशोक ने पाटलिपुत्र में बौद्धों का एक महासम्मेलन आयोजित किया । अशोक के बारे में ठोस जानकारी हमें अशोक के अपने अभिलेखों से मिलती