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बौद्ध साहित्य में संगीत सिद्धांतों को गीतों की लड़ियों में पिरो दिया गया था। (भारतीय संगीत का इतिहास)
इसी संदर्भ में संगीत को भारत भूमि में धर्म उपासना भक्ति से भी हम अविच्छिन्न रूप से जुड़ा हुआ पाते हैं। जहाँ हम प्राचीन उपासना में वैदिक और तान्त्रिक दो मुख्य प्रकार पाते हैं वहीं हम वर्तमान संदर्भ में वैदिक, तान्त्रिक अथवा आगम-निगम के साथ ही बौद्ध परंपरा का समावेश भी पाते हैं। बौद्ध परंपरा की सांगीतिक परंपरा ने न केवल भारतीय संगीत को प्रभावित किया बल्कि इस देश के साथ अन्य देशों को भी प्रभावित किया है। कहा जा सकता है कि संगीत मानवीय क्रिया-कलापों तथा क्रमिक विकास में एक विशेषक रूप में काम करता है। यही इसकी ऐतिहासिक भूमिका है। जैसे कि इन Hisclailfsen forefront 'The historical role of music as an adjunct to other human activities and its gradual emergence as an activity in its own right will be observed, along with the forms through which it found expression. Attention will be directed to the situation of music in the world today.'
संदर्भ 1. देखिए, भारतीय संगीत का इतिहास (दो भागों में) राम अवतार वीर, राधा पब्लिकेशन्स
4378/4 बी गली मुरारी लाल अन्सारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली - 110002
प्रकाशन वर्ष 19961 2. 'चिप्स फ्रास ए जर्मन वर्क शाप' - अवसण पृष्ठ 217, मैक्समूलर। 3. The New Encyclopaedia Britannica, volume - 12, p. 662,
Encyclopadia Britannica, Inc. William Benton, publication Publisher, 1948-1973 Helen Hemingway Benton; Publisher.