________________
जैन धर्म, दर्शन एवं संस्कृति की प्राचीनता * 123
380. रिलीजन्स ऑफ इण्डिया, डॉ. हॉप्कींस, पृ. 296,297 381. जैन गजट, भाग 23,शाह, पृ. 105 382. ब्रह्मसूत्राज - बैलवल्कर, पृ. 120-121 383. दी हार्ट ऑफ जैनीज्म- श्रीमती स्टीवेन्सन, पृ. 19 384. इण्डियन एण्टीक्वेरी,प्रस्त.9, पृष्ठ 158 385. जैन सत्य प्रकाश, वर्ष 5, अंक 21 386. वही, वर्ष 6,अंक 6 387. साप्ताहिक हिन्दूस्तान, 23 जून 1959 388. जैन सत्य प्रकाश, वर्ष 4, अंक 3 (सं. 1994) 389. वृहत् सामायिक पाठ और वृहत्प्रतिक्रमण, पृ. 164 -- मूलचन्द किशनदास कापड़िया 390. मध्य एशिया का इतिहास,राहुल सांकृत्यायन, पृ. 57 .. 391. प्राचीन भारत - ओम प्रकाश प्रसाद, पृ. 53 392. जैन मन्दिरों की प्राचीनता और मथुरा का कंकाली टीला - श्री ज्ञानसुन्दर जी म., पृष्ठ 11
13, प्र. श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला। 393. वही, पृष्ठ 19-22 394. इंडस सिविलाइजेशन एंड हिन्दू कल्चर - पी. आर. देशमुख 395. प्राचीन भारत - आर. एस. शर्मा, पृष्ठ 41
वान भारत, ओमप्रकाश प्रसाद, पृष्ठ 62 397. भारतीय इतिहास : एक दृष्टि - डॉ. ज्योति प्रसाद जैन, पृष्ठ 29, प्र. भारतीय ज्ञानपीठ,
काशी। 398. पंचाल : के.डी. वाजपेयी, प्र. पंचाल शोध संस्थान, कानपुर, पृ. 126 399. मॉर्डन रिव्यू, जून 1932, में श्री चन्दा के लेख से 400. प्राकृत विद्या (जनवरी-जून 2003 का अंक)-प्राच्य भारतीय अभिलेख प्राकृत भाषा, ले.
डॉ. शशि प्रभा जैन, पृष्ठ 63 401. जैन मन्दिरों की प्राचीनता और मथुरा का कंकाली टीला, पृष्ठ 11, 14, 15, 23 - मुनि
ज्ञानसुन्दर जी म., प्र. श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला, फलौदी। 402. विविध तीर्थकल्प -- ले. जिन प्रभसूरि, सं. जिनविजय, 1934,शांतिनिकेतन, पृष्ठ 17 403. वही, पृष्ठ 85 404. जैन मन्दिरों की प्राचीनता और मथुरा का कंकाली टीला, ले. मुनि ज्ञानसुन्दर जी म., पृष्ठ 5 405. हिस्ट्री ऑफ इण्डियन एण्ड ईस्टर्न आर्किटेक्चर, फरग्यूसन, भाग 2, पृष्ठ 24 406. हिन्दूइज्म एण्ड बुद्धीज्म, भाग 1 - इलियट, पृष्ठ 121 407. जैन मन्दिरों की प्राचीनता और मथुरा का कंकाली टीला, ले. मुनि ज्ञानसुन्दर जी म.,
पृष्ठ 23 408. दी जैन स्तूप एण्ड अदर एण्टीक्विटीज ऑफ मथुरा-स्मिथ, पृष्ठ 3-19 409. भारतीय इतिहास एक दृष्टि - ले. ज्योति प्रसाद जैन, पृष्ठ 26