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बुंदेलखड की चित्रकला में लोक परम्परा का निर्वहन
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3. गोयन्दका, जयदयाल (टीकाकार) श्रीमदभगवद गीता गोरखपुर, सं.2060, चौथा अध्याय, 40/पृ. 187 4. शर्मा, लीलाधर, भारतीय संस्कृति कोश दिल्ली, 1995, पृ. 809 5. शर्मा, जयदेव, ऋग्वेद संहिता, पुरुष सूक्त, दशमं मंडलम्, 90/14 6. सातवलेकर, दामोदर, महाभारत, आरण्यक पर्व, दूसरा भाग, अध्याय 154/10/17 पृ. 786-787, अध्याय 156/12/14 पृ.
808 एवं अध्याय 178/34/पृ. 928 7. द्विवेदी, हजारी प्रसाद, जनपद, पत्रिका (लेख-लोक साहित्य का अध्ययन) अक्टूबर 1952, पृ. 65/पृ. 297 8. गुप्त, नर्मदा प्रसाद, बुंदेलखंड की लोक संस्कृति का इतिहास, नई दिल्ली, 1995, पृ. 297 9. त्रिवेदी, एस.डी., बुंदेलखंड का पुरातत्व, झांसी, 1984, पृ. 2 10. शास्त्री, हरगोविंद (टीकाकार)- मनुस्मृति, चौखम्बा, बनारस, ई. सन् 1952, अध्याय-5. श्लोक 96 पृ. 273 11. शर्मा, लीलाधर, पूर्वोक्त, पृ. 419 एवं 809 12. वही, पृ. 179 13. वही, पृ. 267 14. वर्मा, शकुंतला, छत्तीसगढ़ी लोक जीवन और लोक साहित्य का अध्ययन, इलाहाबाद, 1971 पृ. 72-73 15. मिश्रा, महेश कुमार, सुरांती, भोपाल, 2006, पृ. 14-15