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________________ कथायें हैं। यह हिन्दीभाषामें अनुवाद होकर अभी ही प्रकाशित हुआ है। इसकी सरल और सुन्दर बोलचालकी. संस्कृत भाषाद्वारा विद्यार्थीगण भी लाभ उठा सकें, इसलिए इसे संस्कृत सहित छपाया है। कीमत सादी निल्द 1-), कपड़ेकी पक्की जिल्दका 1 / 8) / नागकुमार-चरित-नागकुमार कैसा कर्त्तव्य-परायण पुरुषरत्न था / कैसा परोपकारी और शूरवीर था। इस बातका बड़ी अच्छी तरहसे इस पुस्तकमें वर्णन है। कीमत छह आने / यशोधर-चरित—इसमें यशोधर महाराजका चरित बड़ी सुन्दरतासे लिखा गया है। इसके पढ़नेसे हृदयमें करुणारसका प्रवाह बह उठता है। कीमत चार आना। श्रेणिक-चरितसार-श्रेणिकचरितकी उत्तमता और उसकी कथाकी सुन्दरता सबपर प्रगट है। स्वल्प मूल्यमें सर्व साधारणके लाभार्थ हमने ब्रह्मचारी नेमिदत्तके संस्कृत 'श्रेणिकचरितसार' का यह हिन्दी अनुवाद प्रकाशित किया है / मूल्य तीन आना। पवनदूत काव्य-उज्जैनके राजा विजयनरेशकी स्त्री सुताराको एक विद्याधर हरकर ले गया था। उसीके आधार पर यह रचा गया है। कीमत चार आने। सुकुमाल-चरितसार-सुकुमाल कुअरका चरित बड़ा सुन्दर है। उसीका सार यह है। कीमत डेढ़ आना / इसके सिवा और सब प्रकारके जैनग्रन्थ हमारे यहाँ सदा विक्रीके लिए तैयार रहते हैं। नीचे पतेसे मँगा लिया कीजिए। पता-हिन्दी-जैनसाहित्य प्रसारक कार्यालय, चन्दावाड़ी, गिरगाव-बम्बई
SR No.022755
Book TitleSudarshan Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaylal Kashliwal
PublisherHindi Jain Sahitya Prasarak Karyalay
Publication Year
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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