________________
"दिगंबर जैन" पत्रनो वधारो.
श्री वीतरागाय नमः।
| Reeccceboosaceasog
श्री जीवंधर चरित्र lio.com.0000000000
क्षत्रचूडामणि
गुजरा ती अनुवाद 0000000000000
मुंबाईनिवासी स्वर्गवासी शेठ
भगवानदास कोदरजीना स्मरणार्थे प्रकाशक
तेमना पुत्र ठाकोरभाई झवरी मुलचंद कसनदास कापडीआ| तरफथी "दिगंबर जैन" पत्र
ऑ. संपादक, ना ग्राहकोने छठा वर्षमा "दिगंबर जैन"-सुरत. (पांचमी) भेट.